गुजरात के वडोदरा के हरनी झील में 18 जनवरी 2024 को नाव डूबने से 14 लोगों की मौत हो गई। इनमें 12 स्कूली बच्चे और दो शिक्षक हैं। इस घटना की जाँच के लिए गुजरात पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है। रिपोर्ट के अनुसार बच्चों को पिकनिक मनाने के लिए वाटर पार्क ले जाने के नाम पर स्कूल ने 750 रुपए लिए थे, लेकिन उनको झील में ले जाया गया था।
इस मामले में प्रशासन ने 18 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें नौका सुविधा देने वाली कंपनी के कर्मचारी और नाव चलाने वाले व्यक्ति का भी नाम शामिल है। वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) के कार्यकारी अभियंता ने हरनी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि बच्चे ‘बिना लाइफ जैकेट के थे’ और ‘सामने से पानी रिसने’ के बाद नाव पलट गई। आरोपितों ने ‘उतावलेपन और लापरवाही से काम किया’, जिससे पिकनिक पर आए 12 बच्चों और दो शिक्षकों की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, “आरोपित ने नाव में सवार यात्रियों को जीवन जैकेट प्रदान करने की सुरक्षा सावधानियों का पालन नहीं किया। साथ ही नाव ओवरलोड थी। नाव की हालत भी खराब थी। यही नहीं इस नाव से बँधी रहने वाली रस्सियाँ भी नदारद थीं और सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया था।”
#WATCH | Vadodara boat capsize incident | Gujarat Home Minister Harsh Sanghavi says, "…12 children and two teachers died in the incident. Soon after the incident, the Collector, Police Commissioner, Municipal Commissioner & more than 60 jawans of NDRF and Fire Brigade reached… pic.twitter.com/8uzPMp4JOu
— ANI (@ANI) January 18, 2024
जानकारी के मुताबिक, वडोदरा नगर निगम ने हरनी झील में नौकायन वाले इलाके को लेन जोन का नाम दिया है। इस पूरे इलाके को कोटिया प्रोजेक्ट नाम की कंपनी मैनेज करती है। वडोदरा नगर निगम के अधिकारी राजेश चौहान ने बताया कि कोटिया प्रोजेक्ट्स नाम की कंपनी के पास साल 2017 से लेन जोन को संचालित करने का अनुबंध है।
गौरतलब है कि वडोदरा के हरनी झील में गुरुवार शाम करीब 4.30 बजे यह दुर्घटना हुई थी। दुर्घटना के समय नाव पर करीब 30 लोग सवार थे। किसी को भी सुरक्षा के लिए जरूरी लाइफ जैकेट नहीं पहनाए गए थे। दुर्घटना में पीड़ित सभी बच्चे और शिक्षक वडोदरा के न्यू सनराइज स्कूल के हैं। इस मामले में मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए देने की घोषणा सरकार ने की है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि न्यू सनराइज स्कूल के करीब 80 छात्र-शिक्षक पिकनिक के लिए गए थे। इनमें से 27 छात्र नाव पर सवाल थे। अन्य बच्चे दूसरी मनोरंजक गतिविधियों में लगे हुए थे। हादसे में जान गँवाने वाले एक छात्र की बहन नौशिन गाँधी ने हादसे के लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया है कि स्कूल ने पिकनिक के नाम पर 750 रुपए लिए थे। कहा था कि बच्चों को वाटर पार्क ले जाया जाएगा। लेकिन इसकी जगह उन्हें झील पर ले जाया गया।