केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) के स्पेशल डायरेक्टर रहे गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस का नया कमिश्नर नियुक्त किया गया है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है। 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक थे।
राकेश अस्थाना इसी महीने की 31 तारीख को रिटायर होने वाले थे, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सेवा विस्तार देते हुए उन्हें दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति दी है। इस पद पर वह 31 जुलाई 2022 तक रहेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख 31 जुलाई 2021 थी, लेकिन इसे ‘जनहित में एक विशेष मामले के तौर पर’ एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है।
IPS officer Rakesh Asthana takes charges as the new Police Commissioner of Delhi pic.twitter.com/mJ1LUVzsrF
— ANI (@ANI) July 28, 2021
एसएन श्रीवास्तव के रिटायर होने के बाद से वर्तमान में आईपीएस अधिकारी एसएस बालाजी दिल्ली के पुलिस कमिश्नर का अतिरिक्त कार्यभार सँभाल रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आधिकारिक आदेश में यह भी कहा गया है कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के डीजी एसएस देसवाल अगले आदेश तक बीएसएफ के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सँभालेंगे।
पहले इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि राकेश अस्थाना को सीबीआई चीफ नियुक्त किया जा सकता है। हालाँकि, केंद्र सरकार ने इसी साल मई 2021 में महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी सुबोध जायसवाल को सीबीआई प्रमुख के रूप में नियुक्त कर दिया था।
राकेश अस्थाना ने भ्रष्टाचार के कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जाँच की है। उन्होंने सीबीआई में एसपी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 1997 में चारा घोटाले के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को गिरफ्तार किया था। अस्थाना ने पहले नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक के रूप में काम किया था। वो नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी भी रह चुके हैं। उन्हीं के नेतृत्व में NCB ने बॉलीवुड में ड्रग्स के मामले का खुलासा किया गया था। इसी कारण से एनसीबी काफी सुर्खियों में भी रहा था।
साल 2018 में राकेश अस्थाना सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर थे। उस दौरान ‘सीबीआई बनाम सीबीआई‘ विवाद के कारण वो सुर्खियों में छाए हुए थे। उनके और तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के बीच विवाद हुआ था। बाद में अस्थाना के खिलाफ रिश्वतखोरी और जबरन वसूली का मामला दर्ज होने के किया गया था और उन्हें 2018 में ही सीबीआई से हटा दिया गया था। चारा घोटाले के अलावा साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे में आग लगने और कारसेवकों की मौत, 2008 के अहमदाबाद बम धमाके, अगस्ता वेस्टलैंड केस, एयरसेल-मैक्सिस घोटाला जैसे कई हाई प्रोफाइल मामलों की जाँच से वे जुड़े रहे हैं।