गुजरात में बकरीद के मौके पर स्कूलों में बच्चों से नमाज पढ़ाने की प्रैक्टिस कराने के 2 मामला सामने आए हैं। इनमें एक मामला कच्छ का है। दूसरा महेसाणा का है। दोनों ही जगह स्कूल में एक्टिविटी के नाम पर बच्चों से एक्टिविटी के नाम नमाज की प्रैक्टिस करवाई गई।
कच्छ की घटना मुंद्रा के पर्ल स्कूल की है। वहाँ स्कूली बच्चों के सिर पर नमाजी टोपी पहनाकर उसे नमाज की प्रैक्टिस करवाई गई। बाद में ये वीडियो स्कूल के पेज पर डाला गया जिससे ये पूरे सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। इसे देख लोग गुस्से में आ गए।
घटना के प्रकाश में आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले की जाँच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। अगर कुछ गलत पाया जाता है तो फिर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है या उसकी मान्यता भी रद्द हो सकती है। ये टीम जरूरी जाँच के लिए माता-पिता, बच्चों और स्कूल प्रबंधन से जाँच करेगी।
Hindu students asked to wear skull caps, offer Namaz in Mundra school; DEO orders probehttps://t.co/GplFJEQbgm pic.twitter.com/zYzywJO962
— DeshGujarat (@DeshGujarat) June 30, 2023
इस पूरे विवाद के बाद स्कूल ने इस संबंध में माफी माँग ली है। सोशल मीडिया से भी इस वीडियो को हटा दिया गया है। स्कूल की प्रिंसिपल प्रीति वाघवानी ने मीडिया को बताया, “ईद के त्योहार के मौके पर हमने स्कूली बच्चों के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया था, हम समाज के लिए अलग-अलग धर्मों के त्योहार मनाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम करते हैं। हम स्कूल में बहुत सारी गतिविधियाँ करते हैं, लेकिन हमारा इरादा किसी को भी चोट पहुंचाना नहीं था। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि दूसरी बार ऐसी कोई गलती नहीं होगी।”
इसी तरह महेसाणा के एक प्राइवेट अंग्रेजी मीडियम स्कूल में भी ऐसी घटना सामने आई। जब इसकी सूचना बच्चों के अभिभावकों को लगी तो उन्होंने जमकर हंगामा काटा। वहीं हिंदू संगठन भी इस पर भड़क गए और स्कूल के बाहर प्रदर्शन हुई। बताया जा रहा है कि स्कूल में बच्चों को सिखाया जा रहा था कि नमाज कैसे पढ़ी जाती है। इस प्रैक्टिस की फोटोज भी अभिभावकों के पास थी। विरोध के नाम पर स्कूल के बाहर रामधुन और हनुमान चालीसा का पाठ हुआ।
मामले को तूल पकड़ता देख स्कूल के मालिक राशी गौतम ने कहा कि वे हिंदू हैं। उन्होंने मुस्लिम धर्म को बढ़ावा देने का कोई काम नहीं किया। देश में जो त्योहार मनाए जाते हैं वे बस उसकी जानकारी बच्चों को दे रहे थे इसीलिए स्कूल में बकरीद का सेलीब्रेशन रखा गया था। स्कूल ने इस हरकत पर माफी माँग ली है। हालाँकि वीएचपी ने माँग की है कि ऐसे आयोजन स्कूल में न किए जाएँ।
बता दें कि गुजरात के अलावा खंडवा के सेंट पाॅयस सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बकरीद से पहले छात्रों से नमाज और कलमा पढ़वाने का मामला सामने आया है। मिशनरी स्कूल में 28 जून को हुई इस घटना की जाँच के आदेश एसडीएम ने दि