वाराणसी की अदालत में ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में मिले शिवलिंग को लेकर सोमवार (4 जुलाई, 2022) को सुनवाई हुई। इसमें मुस्लिम पक्ष ने श्रृंगार गौरी में पूजा-पाठ को लेकर आपत्ति दर्ज कराई। अब तक मुस्लिम पक्ष ने 40 बिंदुओं पर बहस की है और 52 बिंदुओं पर बहस होनी है। जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई, जहाँ सन् 1669 से लेकर 2022 तक ज्ञानवापी के मुकदमों और इससे सम्बंधित दलीलें मुस्लिम पक्ष ने पेश की।
12 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख़ मुक़र्रर की गई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था भी काफी कड़ी रही। बता दें कि 5 महिलाओं ने इस सम्बन्ध में परिवाद दायर किया है। सर्वे के दौरान वजू वाली जगह पर मिले शिवलिंग और देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी राखी सिंह ने याचिका दायर की है, जिस पर फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होनी है। ‘काशी धर्म परिषद’ ने सावन में शिवलिंग पर जल चढाने की अनुमति भी माँगी है।
आज की सुनवाई 35 दिन के बाद हुई। 12 जुलाई को मुस्लिम पक्ष की दलीलें पेश हो जाने के बाद हिन्दू पक्ष जिरह कर के बताएगा कि क्यों ये मुकदमा सुनवाई योग्य है। जबकि मस्जिद के वकील मुक़दमे को ख़ारिज करने की वकालत करेंगे। हिन्दू पक्ष ने अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के साथ सुनवाई से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूजा करने की हमारी माँग कानूनी रूप से योग्य है। सावन में जलाभिषेक के लिए अदालत से हिन्दू भावनाओं का ख्याल रखने कहा जाएगा।
वाराणसी: ज्ञानवापी, श्रृंगार गौरी केस की आज की सुनवाई पूरी
— DD News UP (@DDNewsUP) July 4, 2022
न्यायालय में मुस्लिम पक्ष ने आज रखी अपनी बात
51 बिंदुओ पर मुस्लिम पक्ष ने रखी अपनी बात
मामले में 12 जुलाई को कोर्ट में अगली सुनवाई#Gyanvapi #VaranasiCourt @UPGovt @PibLucknow @DDNewsHindi @DDUttarPradesh pic.twitter.com/PjmuwZ4FZm
मुस्लिम पक्ष की दलीलें मुखयतः ‘प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रॉविजंस) एक्ट, 1991’ पर टिकी हुई हैं, जिसके हिसाब से धर्मस्थलों में आज़ादी के समय वाली यथास्थिति बनाए रखने की बात है। वहीं महिलाओं का दावा है कि ये यहाँ लागू नहीं होता, क्योंकि 1991 तक यहाँ श्रृंगार गौरी की पूजा होती थी। सुनवाई में 10 और लोग पक्षकार बनना चाहते हैं। CBI जाँच के लिए भी अर्जी पहुँची है। औरंगजेब द्वारा माधव मंदिर को तोड़ कर बनाए गए धरहरा मस्जिद में नमाज रोकने के लिए भी याचिका दायर की है