‘भारत में पूरी तरह बैन हो BBC, डॉक्यूमेंट्री की हो NIA जाँच’: सुप्रीम कोर्ट में PIL, कहा- विकास हजम नहीं हो रहा, चला रहे अपना एजेंडा

बीबीसी पर पूर्ण बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। इसमें बीबीसी को भारत में पूरी तरह प्रतिबंधित करने की माँग की गई है। साथी ही ब्रिटिश मीडिया कंपनी की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री और इसमें शामिल पत्रकारों की NIA जाँच की माँग की गई है।

याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और बीरेंद्र कुमार सिंह ने अधिवक्ता बरुण कुमार सिन्हा के माध्यम से दायर की है। कहा है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का समग्र विकास हो रहा। यह भारत विरोधी लॉबी खासकर बीबीसी को हजम नहीं हो रहा। देश की शांति और अखंडता को प्रभावित करने के इरादे से वह अपना एजेंडा चला रही है।

याचिका में बीबीसी के कई भारत विराधी लेखों का भी उल्लेख किया गया है। इनके जरिए बीबीसी पर भारत और भारत सरकार विरोधी दुष्प्रचार का आरोप लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि बीबीसी की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया-द मोदी क्वेश्चन’ पर बैन को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस पर 6 फरवरी 2023 को सुनवाई करने के लिए शीर्ष अदालत राजी भी हो चुका है।

दरअसल, इस प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री में BBC ने गुजरात दंगों का दोष वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर डालने की कोशिश की है। यही नहीं, उनकी छवि इस्लाम विरोधी भी दिखाने की कोशिश की है। दो पार्ट में बनाई गई BBC की इस सीरीज में प्रधानमंत्री मोदी और भारत के मुस्लिमों के बीच तनाव की बात कही गई है। बीबीसी ने मोदी सरकार के देश के मुस्लिमों के प्रति रवैए, कथित विवादित नीतियाँ, कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और नागरिकता कानून को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।

इस डॉक्यूमेंट्री की कई जगहों पर वामपंथी, कॉन्ग्रेसी और इस्लामी संगठन जबरन स्क्रीनिंग भी कर चुके हैं। इसके कारण पिछले दिनों देश के कई यूनिवर्सिटी से विवाद की खबरें भी आईं थी। इनमें जेएनयू, जामिया, हैदराबाद यूनिवर्सिटी, पुदुच्चेरी यूनिवर्सिटी जैसे शिक्षण संस्थान शामिल हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया