देश-विदेश में हिंदुओं के खिलाफ घृणा अपराधों की घटनाओं को एकत्र कर उनके दस्तावेजीकरण करने के लिए ‘हिंदूफोबिया ट्रैकर’ लॉन्च किया गया है। हिंदू विरोधी हेट ट्रैकर को ‘गविष्टि फाउंडेशन‘ नामक एक एनजीओ द्वारा लॉन्च किया गया है। इस NGO के प्रमुख राहुल रौशन और नूपुर जे शर्मा हैं। बता दें कि राहुल रौशन ऑपइंडिया के भी CEO हैं, जबकि नुपूर जे शर्मा ऑपइंडिया की प्रधान संपादक हैं।
हिंदूफोबिया ट्रैकर का लक्ष्य हिंदुओं के खिलाफ धार्मिक रूप से प्रेरित घृणा अपराधों का दस्तावेजीकरण करना, हिंदुओं के उत्पीड़न के बारे में जागरूकता पैदा करना, शोधपत्र जारी करना और हिंदुओं के मानवाधिकारों की वकालत करना है। इसमें हिंदुओं के खिलाफ घृणा अपराधों को पारदर्शी तरीके से रिकॉर्ड किया जाएगा, ताकि हिंदुओं के उत्पीड़न को प्रभावी ढंग से दर्शाकर जागरूकता बढ़ाई जा सके।
दरअसल, हिंदूफोबिया ट्रैकर ने हिंदुओं के खिलाफ धार्मिक रूप से प्रेरित घृणा अपराधों का एक डेटाबेस प्रकाशित किया है। इस डेटाबेस में प्रत्येक मामले के लिए एक स्पष्टीकरण दिया गया है कि किस तरह से संबंधित मामला धार्मिक दुश्मनी से प्रेरित घृणा अपराध है। ट्रैकर ने इन अपराधों को 8 प्राथमिक श्रेणियों में विभाजित किया है।
- रिलेशनशिप में रहने वाले महिला के साथ घृणा अपराध एवं यौन अपराध
- ऐसा हमला जिसमें मौत नहीं हुई
- हिंदू धार्मिक प्रतीकों पर हमला
- हिंदू प्रथाओं पर रोक/प्रतिबंध
- हिंदुओं के खिलाफ हेट स्पीच
- जबरन धर्मांतरण
- गैर-हिंदू महिलाओं के साथ संबंध रखने के कारण हिंदू पुरुषों पर हमला
- ऐसे हमले जिनमें मौत हो गई
ऊपर दिए गए इन सभी कैटेगरी को अंतर्राष्ट्रीय नियमों और मानकों तथा निर्धारित मापदंडों का उपयोग करते हुए सावधानीपूर्वक परिभाषित किया गया है। इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रत्येक श्रेणी के अंतर्गत आने वाले अपराधों का मूल्यांकन किस प्रकार किया जाएगा, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि मामला धार्मिक रूप से प्रेरित घृणा अपराध है या नहीं।
हिंदूफोबिया शब्द पिछले कुछ सालों में विकसित हुआ है। इसमें हिंदुओं के खिलाफ उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर नकारात्मक भावनाओं, दृष्टिकोणों और कार्यों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करना शामिल है, जिसके कारण हिंदुओं के खिलाफ धार्मिक रूप से प्रेरित घृणा अपराध भी हुए हैं। हिंदूफोबिया ट्रैकर ने हिंदूफोबिया शब्द की एक कार्यशील परिभाषा जारी की है।
हिंदूफोबिया कोई भी ऐसी कार्रवाई और/या भाषण, लिखित या मौखिक (शैक्षणिक, संस्थागत, राजनीतिक और/या यादृच्छिक), हिंसा और/या भेदभावपूर्ण कार्रवाई/रवैया है, जो हिंदुओं (सनातन धर्म और/या हिंदुओं के विभिन्न संप्रदायों और/या धार्मिक पंथ के तहत विभिन्न पंथों का पालन करने वाले लोग), व्यक्तियों, लोगों के समूह, उनके विश्वास (हिंदू धर्म), उनकी संस्कृतियों, परंपराओं, पूजा के रूपों और विधियों, धर्मग्रंथों, सिद्धांतों और सभ्यतागत मूल्यों और विश्वासों के खिलाफ नफरत, भय, पूर्वाग्रह, दुश्मनी, शत्रुता और/या पूर्वाग्रह से पैदा होता है।
हिंदूफोबिया व्यक्तियों और/या उनकी संपत्ति के प्रति, समग्र रूप से हिंदू समुदाय के प्रति, हिंदू संस्थाओं, हिंदू धार्मिक सुविधाओं (मंदिरों और अस्थायी धार्मिक संरचनाओं सहित), हिंदू आस्था के प्रतीकों, हिंदुओं की मूल और सभ्यतागत भूमि के प्रति निर्देशित हो सकता है, जिसे धार्मिक पूर्वाग्रह, शत्रुता और घृणा के कारण हो सकता है।
हिंदूफोबिया में भाषण, लेखन या व्यवहार में किसी भी प्रकार का संचार शामिल है जो हिंदुओं, हिंदू धर्म, हिंदुओं की धार्मिक पहचान के तत्वों के संदर्भ में व्यक्तिगत रूप से या धार्मिक, जातीय समूह के रूप में अपमानजनक, भेदभावपूर्ण या हिंसक भाषा का प्रयोग करता है, जो पूर्वाग्रह, पक्षपात और/या धार्मिक और/या सांस्कृतिक दुश्मनी से उपजा है, जो अमानवीयकरण, कलंक, बलि का बकरा बनाने, रूढ़िबद्धता, हिंसा के लिए आह्वान और कई मामलों में हिंसा को जन्म देता है।
हिंदुओं के खिलाफ अभद्र भाषा में अक्सर ऐतिहासिक और/या चल रहे उत्पीड़न का खंडन और/या मजाक उड़ाना, धर्मग्रंथों को तोड़ना, प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष हिंसा को बढ़ावा देना और/या आह्वान करना, लक्षित और निर्देशित हिंसा का समर्थन, वैचारिक व्यंजना का उपयोग करके हिंदुओं के वर्गों के उन्मूलन का आह्वान करना, हिंदुओं के खिलाफ धार्मिक रूप से लक्षित घृणा अपराधों के अपराधियों का महिमामंडन करना, हिंदुओं के व्यक्तियों या समूहों के खिलाफ डॉग-व्हिसलिंग, धार्मिक पहचान और/या विचारों के आधार पर डोक्सिंग, हिंदुओं के समूहों और/या संप्रदायों का व्यंग्यात्मक चित्रण करना ताकि उनके कलंक/अमानवीयकरण/बड़ी हिंसा को वैध बनाया जा सके, प्रतीकों और/या आस्था के प्रतिनिधियों का मजाक उड़ाना और/या उन्हें बदनाम करना शामिल हैं।
अपने रिलीज के दौरान हिंदूफोबिया ट्रैकर ने डेटाबेस में 1 जनवरी 2023 से हिंदुओं के खिलाफ धार्मिक रूप से प्रेरित 1,314 घृणा अपराधों को शामिल किया है। ट्रैकर ने 191 ‘अनिर्धारित मामलों’ (ऐसे अपराध जिनके बारे में संदेह है कि वे घृणा अपराध हैं, लेकिन धार्मिक कोण साबित नहीं हुई है) का भी दस्तावेजीकरण किया है। इसके अलावा, 589 मामलों को लंबित समीक्षा के रूप में टैग किया है।
यह डेटाबेस पूर्ण नहीं है और इस पर लगातार काम चल रहा है। इसका उद्देश्य है कि जहाँ तक संभव हो सके इसमें अधिक-से-अधिक धार्मिक रूप से प्रेरित घृणा अपराधों का दस्तावेजीकरण किया जाए, ताकि यह जमीनी हकीकत का सटीक प्रतिनिधित्व कर सके। यह डेटाबेस सार्वजनिक जाँच के लिए उपलब्ध है, जिसमें लोगों के लिए विवाद उठाने और डेटाबेस में जोड़ने के लिए घृणा अपराध भेजेने का प्रावधान है।
यहाँ बताया गया है कि इस पोर्टल का उपयोग डेटाबेस तक पहुँचने के लिए कैसे किया जा सकता है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि हिंदुओं के खिलाफ घृणा अपराधों को डेसाबेस में शामिल कराने के लिए यहाँ कैसे प्रस्तुत किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति कोई भी अपराध हेट क्राइम है या नहीं, इसकी भी जाँच के लिए लोग हमारी टीम को भेज सकते हैं।
वेबसाइट के होमपेज पर एक हेट क्राइम मैप है, जहाँ डेटाबेस में दर्ज प्रत्येक अपराध को एक एम्बेडेड गूगल मैप पर अपराध के स्थान पर चिह्नित किया गया है। अपराध की श्रेणी के आधार पर विभिन्न प्रतीकों द्वारा मानचित्र पर हेट क्राइम को दर्शाया गया है। प्रत्येक प्रतीक एक बटन जैसा है, जिसे क्लिक करने पर मानचित्र के बाईं ओर अपराध का सारांश खुलता है। यहाँ अपराध से संबंधित लिंक खुलता है।
मैप पर भारत के नक्शा को फोकस किया गया है, जहाँ घृणा अपराधों को अंजाम दिया गया है। हालाँकि, इस मैप को जूम इन और जूम आउट करने पर दुनिया के अन्य कोनों में हिंदुओं के प्रति हुए घृणा अपराधों को देखा जा सकता है। इसका विवरण जानने के लिए पूर्व की ही भाँति बटन पर क्लिक करना होगा, जहाँ उसका विवरण एवं घटना के से संबंधित डिटेल के बारे में लिंक को देखा जा सकता है।
वेबसाइट के होमपेज को नीचे स्क्रॉल करने पर डेटाबेस में दर्ज किए गए घृणा अपराधों के बारे में बुनियादी आँकड़े देखे जा सकते हैं। इसे चार्ट के रूप में डेटा का विजुअल प्रतिनिधित्व शामिल किया गया है। उसके नीचे होमपेज पर हिंदूफोबिया ट्रैकर और घृणा अपराध डेटाबेस के बारे में विभिन्न महत्वपूर्ण लेखों के लिंक दिए गए हैं।
हिंदूफोबिया डेटाबेस को वेबसाइट के सबसे ऊपर बने नेविगेशन बार पर ‘हेट क्राइम डेटाबेस’ पर क्लिक करके एक्सेस किया जा सकता है। यह विभिन्न श्रेणियों के तहत दर्ज अपराधों की लाइव संख्या प्रदर्शित करता है। इसके अलावा, यहाँ डेटाबेस में दर्ज हर अपराध को सूचीबद्ध करने वाला एक टेबल भी दिखाई देता है।
यूजर ड्रॉप-डाउन लिस्ट में से उस कैटेगरी को सेलेक्ट करके उससे संबंधित हेट क्राइम को देख सकते हैं। पेज पर दिए गए सर्च बॉक्स में कीवर्ड टाइप करके हिंदू विरोधी घृणा अपराधों को भी खोजा जा सकता है। इसके अलावा, किसी विशेष अवधि के दौरान हुए अपराधों को तारीख से भी चुनकर पढ़ा जा सकता है।
नीचे फ़िल्टर करके घृणा अपराधों को को प्रदर्शित करती है। इस टेबल की प्रत्येक पंक्ति पर क्लिक करके किसी विशेष अपराध का पूरा विवरण देखा जा सकता है। यह विवरण ब्राउज़र में एक नए टैब पर खुलता है, जो केस के सारांश को दिखाता है। इसमें यह भी बताया गया रहता है कि इस केस को घृणा अपराध के रूप में क्यों सूचीबद्ध किया गया है।
प्रत्येक पृष्ठ पर एक विकल्प होता है जो यूजर को अपराध से संबंधित अतिरिक्त जानकारी प्रस्तुत करने या उसके बारे में विवाद उठाने की अनुमति देता है। इस उद्देश्य के लिए कोई भी व्यक्ति ‘अतिरिक्त जानकारी सबमिट करें/विवाद उठाएँ’ लिखे बटन पर क्लिक कर सकता है। इसे दबाने पर एक नया पेज खुलता है और वहाँ सहायक दस्तावेजों के साथ आवश्यक जानकारी पेश की जा सकती है।
इस डेटाबेस में मौजूद हर मामले को एक विशिष्ट केस आईडी दी गई है, जो पेज के सबसे ऊपर दिखाई देती है। इसके अलावा, अतिरिक्त जानकारी या विवाद प्रस्तुत करते समय इस केस आईडी को प्रस्तुत करना आवश्यक है। इसके अलावा, मेन पेज के टॉप पर ‘अनडिसाइडेड केसेज’ को क्लिक करने पर घृणा अपराध डेटाबेस जैसा ही एक पेज खुलता है।
अनडिसाइडेड केसेज में दर्ज अपराधों को देखने और अतिरिक्त जानकारी या विवाद प्रस्तुत करने के लिए ठीक वैसा ही विकल्प है, जो पहले बताया जा चुका है। इन मामलों को घृणा अपराध के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है, क्योंकि इससे संबंधित आवश्यक जानकारी- जैसे कि हमलावरों की पहचान, हमले का मकसद आदि उपलब्ध नहीं है।
यूजर सबसे ऊपर दिए गए ‘रिपोर्ट हेट क्राइम’ ऑप्शन पर क्लिक करके हेट क्राइम से जुड़े ऐसे मामलों को हमें भेज सकते हैं, जो हिंदूफोबिया ट्रैकर के डेटाबेस में अब तक शामिल नहीं हुए हैं। इस विकल्प पर क्लिक करने से एक फ़ॉर्म खुलता है, जहाँ अपराध का विवरण प्रस्तुत किया जा सकता है, सहायक दस्तावेज़ अपलोड किए जा सकते हैं और अपराध के लिए प्रासंगिक श्रेणियों का चयन किया जा सकता है।
रिपोर्ट किए जा रहे अपराध के लिए सहायक साक्ष्य के रूप में अख़बार की कतरनें, टीवी न्यूज़ रिपोर्ट की वीडियो क्लिप, एफ़आईआर कॉपी आदि जैसी अधिक जानकारी वाले फोटो, वीडियो या पीडीएफ़ फ़ाइल अपलोड की जा सकती हैं। नए हिंदू हेट क्राइम को भेजते समय यूजर्स को अपना नाम और ईमेल आईडी देना आवश्यक है।
ऐसे मामले सबमिट किए जाने के बाद हिंदूफ़ोबिया ट्रैकर की टीम मामले की समीक्षा करेगी और बताए गए मापदंडों के आधार पर वह हेट क्राइम में शामिल किए जाने योग्य होने पर डेटाबेस में जोड़ेगी। फिलहाल, ट्रैकर जनवरी 2023 या उसके बाद के मामलों का दस्तावेजीकरण कर रहा है। हालाँकि, जल्द ही डेटाबेस का विस्तार किया जाएगा।