महाराष्ट्र के ठाणे में एक शारीरिक रूप से विकलांग महिला को उसके पति द्वारा Whatsapp के माध्यम से तीन तलाक़ देने का मामला सामने आया है। आरोपित ने Whatsapp के माध्यम से तीन बार तलाक़ लिख कर भेजा और रिश्ता ख़त्म करने की बात कही। इसके बाद पीड़िता ने कई बार फोन कॉल किया लेकिन उसने उठाने से इनकार कर दिया। पति द्वारा इस तरह की हरकत किए जाने से दुःखी पीड़िता ने भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत की है। भोईवाड़ा थाने के वरिष्ठ निरीक्षक कल्याण कार्पे ने बताया कि उन्हें पीड़ित दिव्यांग महिला की ओर से सोमवार को शिकायत मिली है। पुलिस ने बताया कि वो लोग इस पर क़ानूनी सलाह ले रहे हैं।
शारीरिक रूप से विकलांग 23 वर्षीय महिला के अनुसार, उसका निकाह 18 मई 2014 को हुआ था। उसने अपने सास-ससुर पर भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उसके ससुराल पक्ष के लोग उससे 10 लाख रुपए की माँग कर रहे थे। जब वो रुपए देने में असमर्थ साबित हुई तो उसके पति ने उसे घर से निकाल बाहर कर दिया। पुलिस अधिकारी कार्पे ने कहा, “फिलहाल भिवंडी में अपने माता-पिता के साथ रह रही महिला ने आरोप लगाया कि हाल ही में उसके पति ने Whatsapp पर ‘तीन तलाक़’ का संदेश भेजा।” पीड़िता ने महिला संस्थानों से मिल कर भी अपनी बात रखी है।
She alleged that her in-laws also constantly harassed her and sometime back her husband demanded Rs 10 lakh from her and threw her out of the house. #Thane #Maharashtrahttps://t.co/bnYHEHnvTr
— Firstpost (@firstpost) May 9, 2019
पीड़िता ने गुहार लगाई है कि उसे तलाक़ नहीं चाहिए और वो अपने पति के साथ रहना चाहती है। अभी तक आधिकारिक रूप से पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है। इस सम्बन्ध में क़ानूनी सलाह लेने की प्रक्रिया पर कार्य किया जा रहा है। बता दें कि अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने महिला विरोधी तीन तलाक़ प्रक्रिया को ख़त्म कर दिया था और सरकार ने भी तीन तलाक़ पर संसद में बिल पेश किया था। अभी हाल ही में एक मुस्लिम महिला की पति ने पड़ोसी के साथ मिल कर सिर्फ़ इसीलिए पिटाई की क्योंकि उसने मोदी से प्रभावित होकर भाजपा को वोट दे दिया था।
रविवार (मई 5, 2019) को उत्तर प्रदेश के भदोही में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर की मुस्लिम महिलाओं को सन्देश देते हुए कहा था, “मुस्लिम बहनों से एक बात कहना चाहता हूँ। आज कई मुस्लिम देशों में तीन तलाक़ की परंपरा नहीं है। हम भी भारत की मुस्लिम बहनों को वही अधिकार देना चाहते हैं। हम किसी की धार्मिक भावनाओं का अनादर नहीं करते हैं। महिलाओं को समान अधिकार मिले, इसके लिए हम लगातार काम कर रहे हैं।“