तेलंगाना (Telangana) की राजधानी हैदराबाद (Hyderabad) में नाबालिग से गैंगरेप केस की जाँच कर रही पुलिस के सामने कई मुश्किलें आ रही हैं। वे आरोपितों के मोबाइल फोन से डेटा नहीं जुटा पा रही है। रिपोर्टों के अनुसार, हैदराबाद पुलिस ने गैंगरेप में शामिल सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके वो मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए हैं, जिनसे उन्होंने इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया था।
इन सबके बावजूद पुलिस को जाँच के दौरान कई तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि आरोपितों ने गिरफ्तार होने से पहले अपने खिलाफ सभी सबूत मिटाने के लिए कथित तौर पर मोबाइल फोन को नष्ट कर दिया था।
8 जून 2022 को आरोपितों को हिरासत में लिए जाने के तुरंत बाद पुलिस नष्ट किए गए फोन को बरामद करने में सफल रही, लेकिन तीन महीने की चल रही जाँच के बाद भी वे डेटा को फिर से प्राप्त करने में असमर्थ हैं। 6 आरोपितों में से एक मोहम्मद सदाद्दिन मलिक ने अन्य आरोपितों को गिरफ्तारी से पहले उनके मोबाइल फोन नष्ट करने को कहा था।
फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के टेक्निकल एक्सपर्ट ने मामले को विस्तार से बताते हुए कहा कि पुलिस ने फॉरेंसिक जाँच के लिए मोबाइल फोन नहीं भेजे, क्योंकि उन्हें पहले से ही पता था कि फोन से कोई डेटा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। हालाँकि, पुलिस ने छोटे वीडियो क्लिप बरामद किए हैं, जिसमें घटना से जुड़ा कोई वीडियो नहीं है।
बता दें कि हैदराबाद में इस साल 28 मई को नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। पीड़िता पब से एक पार्टी के बाद अपने घर लौट रही थी। उसी वक्त हैदरबाद के जुबली हिल्स इलाके में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। यह मामला तब सामने आया जब पीड़िता के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। रिपोर्टस की मानें तो आरोपितों ने पहले पीड़िता से उसके घर छोड़ने की बात कही। बाद में एक पार्क की हुई कार के अंदर उसके साथ मारपीट की गई और फिर बारी-बारी से सभी ने उसके साथ बलात्कार किया।
इस दौरान दूसरे आरोपित कार के बाहर पहरा दे रहे थे। घटना की जानकारी होने के बाद लड़की के पिता ने इस संबंध में शिकायत दी थी और पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 323 और पॉक्सो एक्ट की धार 9 और 10 के तहत मामला दर्ज किया था।