भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे ने दिवाली के अवसर पर ‘महाभारत’ पर आधारित कार्यक्रम के लिए फिल्म निर्देशक महमूद फारूकी को आमंत्रित किया, जिसका तीखा विरोध छात्रों ने किया। यह कार्यक्रम ‘दास्तान-ए-कर्ण – एज़ महाभारत’ के नाम से 26 अक्टूबर की शाम को आयोजित होने वाला था।
हालाँकि एक अमेरिकी महिला के रेप के मामले में दोषी करार देने के बाद बरी किए गए महमूद फारूकी की मौजूदगी का छात्रों ने इतना तीखा विरोध किया, कि कार्यक्रम को ही रद्द करना पड़ा। छात्रों का कहना है कि रेप का आरोपित कोई व्यक्ति आईआईटी के मंच पर प्रस्तुति दे, ये आईआईटी का भी अपमान है।
IIT बॉम्बे में एक छात्र वालंटियर ग्रुप ‘IIT B फॉर भारत’ ने सबसे पहले इस आयोजन पर आपत्ति जताई। उन्होंने अपने बयान में कहा, “फारूकी को IIT बॉम्बे में बुलाने से संस्थान के सुरक्षा, सम्मान, और गरिमा के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े होते हैं। यौन उत्पीड़न से बचने वाले और उनके समर्थकों के लिए उनकी उपस्थिति एक असुविधाजनक और असुरक्षित माहौल बना सकती है।”
Concerned students at @IITBombay urge the administration to cancel Mahmood Farooqui's campus performance.
— IIT B for Bharat (@IITBforBharat) October 26, 2024
Hosting Mahmood Farooqui at #IITBombay is a direct insult to survivors and dismisses the values of consent and safety. An institute of excellence shouldn't provide a… pic.twitter.com/S8BlIwTxns
वालंटियर समूह ने आगे कहा कि IIT बॉम्बे जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की ज़िम्मेदारी है कि वह एक ऐसा माहौल बनाए, जो सभी के प्रति सम्मान, व्यक्तिगत सीमाओं का आदर और नैतिक व्यवहार को बढ़ावा दे। इसके साथ ही, उन्होंने आयोजन को कैंसिल करने का भी अनुरोध किया। दिलचस्प बात यह है कि फारूकी को IIT परिसर के स्कूल और जूनियर कॉलेज में मुख्य अतिथि के रूप में भी आमंत्रित किया गया था, जिसने विवाद को और बढ़ा दिया।
Today, on the occasion of Diwali, at IIT Bombay Mahmood Farooqui will distort Mahabharat as part of Cultural Marxism branch of eradicate Sanatan project. Then he will also officiate as chief guest at a school.
— Eminent Intellectual (@total_woke_) October 26, 2024
He has been invited by a students group.
Who is Mahmood Farooqui? He… pic.twitter.com/Czv16F6N4x
फारूकी का नाम पहले भी विवादों में आ चुका है। उसने मुंबई हमलों में शामिल आतंकवादी अजमल कसाब के लिए दया याचिका पर हस्ताक्षर भी किए थे, जो 26/11 के हमलों में दोषी था। सोशल मीडिया पर विरोध बढ़ने के बाद, IIT बॉम्बे के प्रशासन ने इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया।
महमूद फारूकी ने किया था अमेरिका महिला से रेप, सजा मिली, फिर बरी हो गया
आमिर खान के होम प्रोडक्शन की फिल्म ‘पीपली लाइव’ के सह निर्देशक महमूद फारूकी पर एक अमेरिकी शोधकर्ता ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। यह घटना 28 मार्च 2015 की है, जब पीड़िता फारूकी के बुलावे पर उनके घर गई थी। पीड़िता का कहना था कि जब वह वहाँ पहुँची, तो उसने फारूकी को नशे की हालत में पाया। पीड़िता के अनुसार, फारूकी ने उसके साथ जबरदस्ती की और उसकी इच्छा के खिलाफ उसके साथ ओरल सेक्स किया।
पीड़िता ने अदालत में अपनी गवाही में कहा, “उस समय उसने मुझे चूमने की कोशिश की, और मैंने ना कहा। मैंने उसे दूर धकेला, लेकिन वह नहीं रुका। उसने मेरे कपड़े उतारने की कोशिश की, और मैं उसे रोकने की कोशिश करती रही, लेकिन वह मुझसे शारीरिक रूप से अधिक ताकतवर था। मुझे समझ नहीं आया कि वह इतना ताकतवर कैसे था। उस समय मुझे निर्भया मामले की एक डॉक्यूमेंट्री का हिस्सा याद आया, जहाँ अपराधी ने कहा था कि अगर पीड़िता ने विरोध नहीं किया होता तो वह जिंदा होती। मैं उस स्थिति से बाहर निकलने की सोच रही थी, इसलिए मैंने उसका विरोध बंद कर दिया ताकि मैं बच सकूँ।”
घटना के बाद पीड़िता अपने घर लौटी और अपने एक दोस्त को फोन कर पूरी घटना बताई। इसके बाद उसने फारूकी को ईमेल भेजकर उसके अपराध के बारे में बताया। फारूकी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘मेरी सच्ची माफी’ लिखकर माफी माँगने का दिखावा किया था। ये पूरा मामला कोर्ट में गया और 4 अगस्त 2016 को दिल्ली की निचली अदालत ने फारूकी को दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई।
इस सजा के करीब एक साल बाद, दिल्ली हाई कोर्ट ने फारूकी को ‘शंका का लाभ‘ देते हुए निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया। इस फैसले में एकल जज ने कहा कि फारूकी को यह नहीं समझ में आया कि पीड़िता की सहमति नहीं थी। कोर्ट ने सहमति की संकीर्ण परिभाषा दी और फारूकी का बैकग्राउंड देखते हुए कहा कि वह ऐसा अपराध करने में सक्षम नहीं हो सकते। जनवरी 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले को बरकरार रखा और कहा कि यह निर्णय ‘अच्छी तरह से सोचा-समझा’ था।
IIT बॉम्बे जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में महमूद फारूकी को बुलाने को लेकर उठे इस विवाद ने कई सवाल खड़े कर दिए। वालंटियर ग्रुप ‘IIT B फॉर भारत’ जैसे समूहों ने कहा कि फारूकी की उपस्थिति से संस्थान के मानकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और इससे कैंपस में असुरक्षा का माहौल बन सकता है।