केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के सलाहकार मंडल की सदस्या होने का दावा करने वाली एक महिला शिखा गुप्ता को उसके पति नितिन गुप्ता के साथ शनिवार को दिल्ली के प्रीत विहार से राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप (एसओजी) ने गिरफ्तार किया था। टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने एसओजी के अतिरिक्त अधीक्षक करण शर्मा के हवाले से बताया है कि दम्पति के पास से पहचान पत्र और प्रवेश पत्र (एंट्री पास) मिले हैं। नितिन गुप्ता की सारी पहचान झूठी निकली है, जबकि शिखा गुप्ता के दावों का सत्यापन हो रहा है।
शिखा गुप्ता ने हजारों लोगों से पैसे ठगे हैं। हजारों लोगों से करोड़ों ठगने की आरोपित शिखा गुप्ता को पुलिस हिरासत में बड़ा झटका तब लगा जब उसके पतिदेव ने ही पुलिस के सामने अपनी एक और पत्नी होने की बात कबूली। कानून मंत्रालय में प्रधान सलाहकार होने का नकली दावा करने के आरोपी नितिन गुप्ता ने बताया कि उनकी पहले भी शादी हो चुकी है, और पहली पत्नी जयपुर के जगतपुरा में एक किराए के फ्लैट में रहती है।
एसओजी का दावा है कि दम्पति ने राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली के भोले-भाले लोगों को चोटी के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला, बैंक, रेलवे जैसे ‘मलाईदार’ विभागों में नौकरी जैसे प्रलोभन देकर लगभग ₹2 करोड़ ऐंठे हैं। पुलिस ने यह भी दावा किया कि आरोपित दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं और नौकरशाहों के सम्पर्क में भी हैं, और लोगों को ठगने के लिए अपने फर्जी प्रभाव का इस्तेमाल करते हैं।
लोगों को ठगने के लिए उन्हें रेलवे, राष्ट्रीयकृत बैंकों में नौकरी का लालच देते थे और सीबीएफसी की सदस्यता का प्रलोभन दे भी वसूली करते थे। उन्होंने यह भी बताया कि शुरुआती जाँच में नितिन मूल रूप से अलीगढ़ का रहने वाला है और दिल्ली आने से पहले मेरठ में कंस्ट्रक्शन कम्पनी में काम करता था। एक मैरिज ब्यूरो में काम करने वाली शिखा से शादी के बाद वह पत्नी सहित दिल्ली आ गया और कई केंद्र सरकार के विभागों के कई नौकरशाहों के साथ उसने संबंध कायम किए।
एसपी करण शर्मा के मुताबिक, “नितिन अपने नेटवर्क का इस्तेमाल केंद्र सरकार में राजनीतिक नियुक्तियों के लिए करता था। 2014 में उसने खुद ही कानून मंत्रालय में सलाहकार बनने की पुरज़ोर कोशिश की लेकिन असफल रहा। इसके बावजूद उसने नकली पहचान पत्र और विजिटिंग कार्ड बनवा कर खुद को सलाहकार बताना शुरू कर दिया।”
उसके ‘पीड़ितों’ में केवल आम लोग ही नहीं, बलात्कार के मामले में जेल में बंद आसाराम बापू का भी नाम आया है। पुलिस ने बताया कि पैरोल पर जेल से छुड़वाने के एवज में नितिन ने आसाराम से भी ₹50 लाख वसूले थे। बताया जा रहा है कि वह कुल 4 बार जेल में जाकर आसाराम से मिला था। एसपी करण शर्मा ने बताया कि दम्पति के कॉल डिटेल और 8 खातों की जाँच जारी है।