भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना जल्द ही पूरा होने वाला है। भारत पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाली क्लब में शामिल हो गया है। भारत ने 18 नवंबर 2023 को 4 ट्रिलियन डॉलर (4 लाख करोड़ रुपए) का आँकड़ा पार करते हुए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के मामले में विश्व के शीर्ष पाँच देशों में बढ़त बना ली है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा (IMF) के डाटा पर आधारित विश्व के सभी देशों के GDP की लाइव ट्रैकिंग का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। भारतीय समय के अनुसार रविवार (19 नवंबर 2023) को भारतीय की इस रिमार्केबल सफलता पर नेटिजन्स एक दूसरे को खूब बधाइयाँ दीं।
India’s GDP crosses 4 trillion dollars today for the first time.
— Satnam Singh Sandhu (@satnamsandhuchd) November 19, 2023
Moving towards Modi ji's promise of 5 trillion economy by 2024.
Massive Achievement !! 🔥 pic.twitter.com/sZEEVDdBTj
RBI ने 16 नवंबर को एक लेख में कहा कि आर्थिक पूर्वानुमानों के आधार पर व्यापक सहमति है कि दूसरी तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि RBI के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से बेहतर होगी।वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में घरेलू अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया।
दास ने 31 अक्टूबर को कहा, “आर्थिक गतिविधि की गति को देखते हुए, मुझे उम्मीद है कि नवंबर के अंत में आने वाले दूसरी तिमाही के जीडीपी आँकड़े आश्चर्यचकित करेंगे।” वहीं, लेख में कहा गया है कि सितंबर तिमाही के कॉर्पोरेट परिणामों से लगता है कि वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5% से अधिक होगी।
वहीं, विश्व की प्रमुख रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 16 नवंबर 2023 को कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएँ मध्यम अवधि में मजबूत बनी रहनी चाहिए। वित्तीय वर्ष 2024-2026 में सकल घरेलू उत्पाद में सालाना 6-7.1 प्रतिशत की वृद्धि होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कम असर पड़ेगा।
‘ग्लोबल बैंक्स कंट्री-बाय-कंट्री आउटलुक 2024’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में एसएंडपी ने कहा कि स्वस्थ कॉर्पोरेट बैलेंस शीट, सख्त अंडरराइटिंग मानक और बेहतर जोखिम-प्रबंधन सहित संरचनात्मक सुधार के कारण बैंकिंग क्षेत्र के कमजोर ऋण 31 मार्च 2025 तक सकल अग्रिमों के 3-3.5 प्रतिशत तक कम हो जाएँगे।
बता दें कि भारत ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि मजबूत आर्थिक उत्थान को दर्शाता है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर एक सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने अगस्त में कहा था कि सरकार के रोडमैप में समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करना, डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, फिनटेक, प्रौद्योगिकी-सक्षम विकास, ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु कार्रवाई और निवेश और विकास के उपाय शामिल हैं।
विश्व में 200 से अधिक देश हैं। इनमें से सिर्फ 19 देशों की जीडीपी ही एक ट्रिलियन डॉलर से अधिक है। अमेरिका पहला देश था, जिसने सबसे पहले यानी 1969 में एक ट्रिलियन डॉलर के क्लब में कदम रखा था। भारत साल 2007 में एक ट्रिलियन डॉलर क्लब में शामिल हुआ था। आज देश की जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर पहुँच गई है।
इस समय दुनिया में सबसे अधिक जीडपी वाला देश है अमेरिका है। उसके बाद दूसरे स्थान पर चीन और तीसरे स्थान पर जापान है। वहीं, चौथे स्थान पर जर्मनी और पाँचवें स्थान पर भारत है। अमेरिका का कुल जीडीपी 26.95 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि चीन का कुल जीडीपी 17.7 अरब डॉलर है। जर्मनी की अर्थव्यवस्था 4.4 ट्रिलियन और भारत की 4.001 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है।