इन्द्राणी मुखर्जी ने सरकारी जाँच एजेंसियों को आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के बारे में अहम जानकारियाँ दी थीं। इन्द्राणी इस केस में अप्रूवर बन गई और उनके ही बयानों के कारण पी चिदंबरम की गिरफ़्तारी का रास्ता साफ हुआ। इन्द्राणी ने चिदंबरम की गिरफ़्तारी पर ख़ुशी जताई है। बेटी की हत्या के आरोप में जेल में बंद इन्द्राणी ने पी चिदंबरम की गिरफ़्तारी को अच्छी ख़बर बताया। उन्होंने सेशन कोर्ट में मीडिया से बात करते हुए अपनी बात साझा की।
इन्द्राणी मुखर्जी ने आशा जताई कि कार्ति चिदंबरम की ज़मानत भी कैंसल कर दी जाएगी और वह गिरफ़्तार होंगे। इन्द्राणी ने कहा कि वो इस पूरे घटनाक्रम पर नज़र रख रही थीं।
इन्द्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी भी आईएनएक्स मीडिया केस में आरोपित हैं। फिलहाल दोनों ही शीना बोरा हत्याकांड के आरोप में जेल में बंद हैं। शीना इन्द्राणी और उनके पहले पति की बेटी थी। इन्द्राणी ने खुलासा किया था कि आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी अप्रूवल दिलाने के बदले में चिदंबरम ने उन्हें अपने बेटे के व्यापार में मदद करने को कहा था। कार्ति चिदंबरम ने भी मुखर्जी दम्पति से रिश्वत की माँग की थी। एफआईपीबी क्लीयरेंस में हुई अनियमितताओं को ठीक काटने के लिए कार्ति पर 1 मिलियन डॉलर रिश्वत माँगने का आरोप है।
ज्ञात हो कि पी चिदंबरम को अगस्त 21, 2019 को उनके दिल्ली के ज़ोर बाग़ स्थित आवास से गिरफ़्तार किया गया था। गिरफ़्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें सीबीआई की कस्टडी में भेज दिया। बाद में उनकी कस्टडी की अवधि बढ़ा दी गई। इस तरह से अब चिदंबरम 30 अगस्त तक सीबीआई की कस्टडी में रहेंगे। उन्हें गिरफ़्तार करने के लिए सीबीआई के अधिकारियों को उनके घर की दीवार लाँघनी पड़ी थी। अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज होने के बाद गायब चिदंबरम अचानक से कॉन्ग्रेस मुख्यालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रकट हुए थे।
Indrani Mukerjea, who turned approver in INX Media case, on being asked about arrest of P Chidambaram: It’s good news that P Chidambaram has been arrested. (file pic) pic.twitter.com/McwrbOUZTP
— ANI (@ANI) August 29, 2019
जुलाई 2019 में इन्द्राणी मुखर्जी आईएनएस मीडिया केस में अप्रूवर बनी थीं। उन्होंने माँग की थी कि अप्रूवर बनने और सबकुछ सही-सही खुलासा करने के लिए उन्हें सज़ा से माफ़ी दी जाए। 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 307 करोड़ के विदेशी निवेश के लिए अप्रूवल मिला था। इस मामले में कार्ति चिदंबरम की भी गिरफ़्तारी हो चुकी है लेकिन उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया था।