महिला प्रदर्शनकारियों से ही बात करने गए थे, हेलमेट निकाल हमला किया: DCP अमित शर्मा की पत्नी

डीसीपी अमित शर्मा की पत्नी ने बयां किया अपना दर्द

उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को भड़की हिंसा में आतताइयों की भीड़ ने पुलिस पर जो हमला किया उसकी विडियो सोशल मीडिया पर कल सबके सामने आ गई। विडियो में हमने देखा कि दंगाई भीड़ में बुर्काधारी महिलाओं ने पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी की और बड़ी तादाद में आकर पुलिस को खदेड़ा। इसी भीड़ को सोशल मीडिया पर हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की मौत के लिए जिम्मेदार बताया गया। साथ ही इसी भीड़ को अमित शर्मा के घायल होने के पीछे वजह बताया गया।

अब हालाँकि, रतन लाल हमारे बीच नहीं हैं। उनके परिवार के पास इन विडियोज को देखने के बाद भी न तो कहने को कुछ बचा है और न ही बताने को। लेकिन, डीसीपी अमित शर्मा, जिन्होंने हमले में घायल होने के कुछ दिन बाद अपनी आँख खोली है, उनकी पत्नी इन विडियोज को देखने के बाद सकते में है।

बुर्काधारी महिलाओं को इस तरह पुलिस पर हमला करता देख डीसीपी अमित शर्मा की पत्नी का बयान आया है। मीडिया से बात करते हुए पूजा शर्मा ने दावा किया है कि उनके पति उस दिन भी प्रदर्शनकारियों से ही बात करने गए थे। वहाँ सिर्फ़ महिलाओं का समूह था। उन्होंने ही अमित का हेलमेट पहले निकलवाया और फिर भीड़ ने आकर उनपर हमला किया।

पूजा शर्मा ने ये बयान जारी करते हुए सरकार से अपील की कि दंगाइयों के ख़िलाफ़ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाए। क्योंकि उनके पति की हालत अब भी ठीक नहीं है। वो पूरी तरह सही नहीं हो पाए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें ठीक होने में 4 से 5 महीने लगेंगे।

डीसीपी शर्मा की पत्नी उनकी हालत देखकर बेहद भावुक मन से 24 फरवरी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उस दिन अमित शर्मा के ऑफिस स्टाफ ने घर पर कॉल की थी और कहा था कि अमित शर्मा घायल हो गए हैं।उन्हें कहा गया था की अमित शर्मा को मामूली चोटें लगी हैं। लेकिन जब वो जीटीबी अस्पताल पहुँची, तब उन्हें पता चला अमित शर्मा का सीटी स्कैन होना है और उनके सर में गंभीर चोटें आई हैं।

पूजा ने बताया की बीच-बीच में होश आने पर अमित उनसे अपना और बच्चों का खयाल रखने के लिए कह रहे थे। अमित को इस बात का आभास था कि उन्हें गंभीर चोटें आई हैं, जो उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।

पूजा इस दर्दनाक घटना को याद करते हुए कहती कि उनके पति को IFS की नौकरी मिल रही थी। लेकिन उन्होंने फिर आईपीएस होना ही चुना। वे हमेशा से पुलिस ऑफिसर बनना चाहते थे। वो सिर्फ अपने काम को प्राथमिकता देते हैं। यहाँ तक कि 6 महीने पहले जब उनकी (पूजा) की डिलीवरी होने वाली थी तो वो खुद मौजूद नहीं रह पाए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया