बॉलीवुड ऐक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस ने जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ दिल्ली के पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा से शिकायत की है। अपनी शिकायत में जैकलीन ने कहा है कि सुकेश जेल से ही उन्हें धमकी दे रहा है और प्रताड़ित कर रहा है। उन्होंने खुद को एक जिम्मेदार नागरिक बताया है, जो अनजाने में एक केस में फँस गई है।
कुछ दिन पहले पुलिस प्रमुख को भेजे गए पत्र में जैकलीन ने कहा, “मैं एक जिम्मेदार नागरिक हूँ, जिसने खुद को अनजाने में एक ऐसे मामले में उलझा हुआ पाया है जिसका कानून के शासन और हमारी न्यायिक प्रणाली की पवित्रता पर दूरगामी प्रभाव है। स्पेशल सेल द्वारा दर्ज एक मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में मैं आपको मनोवैज्ञानिक दबाव और लक्षित धमकी अभियानों की भीषण अग्निपरीक्षा के बीच लिख रही हूँ।”
पुलिस प्रमुख और क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर को भेजे गए ईमेल में जैकलीन ने मामले को तुरंत संज्ञान में लेने का आग्रह किया। उनका कहना है कि इससे न केवल उनकी सुरक्षा को खतरा है, बल्कि कानूनी प्रक्रियाओं की अखंडता भी खतरे में है। पत्र में कहा गया है, “खुद को सुकेश बताने वाला एक आरोपित मंडोली जेल में सलाखों के पीछे बैठा है और सार्वजनिक रूप से मुझे डराने-धमकाने की रणनीति के साथ धमकी दे रहा है।”
जैकलीन ने इसमें कहा है कि महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत एक मामले में ‘अभियोजन गवाह’ उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। अभिनेत्री ने कहा कि अदालत में सच्चाई बताने से रोकने के लिए वह उन्हें धमकाना चाहता है।
जैकलीन ने कहा, “ये कार्य केवल मेरे व्यक्तिगत अधिकारों पर आघात नहीं करते हैं, वे हमारी न्याय प्रणाली के हृदय पर प्रहार करते हैं। गवाह सुरक्षा के सिद्धांत, जो न्याय प्रशासन के लिए मौलिक है, से समझौता किया गया है, जिससे हमारे कानूनी संस्थानों की विश्वसनीयता और प्रभावकारिता कम हो गई है।”
जैकलिन ने कमिश्नर अरोड़ा से इस बात की भी व्यापक एवं पारदर्शी जाँच करने को कहा कि कैसे जेल में बंद एक आरोपित बाहर के लोगों से संचार बनाए रखने में कामयाब रहा। उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि आरोपियों के लिए उपलब्ध सभी संचार माध्यमों की जाँच की जाए और आगे के दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएँ।”
बता दें कि जैकलीन ने पिछले साल दिसंबर में दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर किया था। इस याचिका में जैकलीन ने कोर्ट से आग्रह किया था कि सुकेश द्वारा उन्हें संबोधित करते हुए पत्र लिखने या बयान जारी करने पर रोक लगाने के निर्देश दिए जाएँ। दरअसल, जैकलीन सुकेश से जुड़े 200 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही जाँच में गवाह हैं।
दरअसल, सुकेश अभिनेत्री जैकलीन को संबोधित करते हुए पत्र और बयान जारी करते रहता है। इन पत्र और बयानों में वह जैकलीन को ‘बेबी’ और ‘बोम्मा’ जैसे नामों से बुलाता रहा है। इस महाठग ने हाल ही में क्रिसमस और थैंक्सगिविंग के मौके पर एक पत्र जारी किया था। सुकेश ने इस पत्र में जैकलीन को हाल ही में एक पुरस्कार हासिल करने पर बधाई दी थी और उन्हें ‘माई लव’ और ‘बेबी’ कहकर संबोधित किया था।
सुकेश ने अपने पत्र में लिखा था, “बेबी, सबसे पहले आपके लिए मैं बहुत खुश हूँ। मनोरंजन उद्योग में आपके उत्कृष्ट योगदान के लिए 7वाँ DIAFA पुरस्कार प्राप्त करने पर बधाई। आपको अंदाजा नहीं है कि मैं आपके लिए कितना खुश हूँ माई लव। तुम सच में भारतीय फिल्म उद्योग की सबसे महान कलाकार हो। आप पुरस्कारों में ‘व्हाइट गाउन’ में सुपर सुपर स्टनिंग लग रही थीं। बेबी, मैं एक बार फिर आश्चर्यचकित हूँ।”
उसने आगे लिखा, “बेबी, आपकी दो अन्य लेटेस्ट तस्वीरें बहुत खूबसूरत थीं। एक आपकी ‘लाल अरबी पोशाक’ में रेगिस्तान में ली गई तस्वीर और बो पिंक साड़ी में आप बहुत खूबसूरत थीं। लेकिन जिसने मेरा दिल चुरा लिया, वह चमकदार लहंगे में तुम्हारा फोटोशूट है। बेबी तुम लहंगा में धरती की एकमात्र परी लग रही हो।”