ईशनिंदा के झूठे आरोपों में सऊदी अरब में 20 महीने जेल में बिताने वाले हरीश बंगेरा 18 अगस्त, 2021 को भारत लौट आए। उन्होंने स्वराज्य पत्रिका से आपबीती शेयर किया और कहा कि वह तब तक आराम नहीं करेंगे, जब तक कि उनके साथ अन्याय करने वालों को दंडित नहीं किया जाता। उन्होंने कहा, “मैं तब तक चैन से नहीं बैठूँगा जब तक उन्हें दंड न दिया जाएगा और जब उन्हें दंड दिया जाएगा, उस समय मेरा न्याय का युद्ध पूरा हो जाएगा।” उन्होंने कहा कि वह आराम नहीं करेंगे, अन्यथा उन लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा जो ‘एक हिंदू को नरक में डालते हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने दिसंबर 2019 से एक पैसा भी नहीं कमाया है।
अपनी रिहाई को एक चमत्कार बताते हुए बंगेरा ने कहा, “उन्होंने सिर्फ दो दिन सलाखों के पीछे बिताए और अब जमानत पर बाहर हैं, जबकि मुझे एक साल आठ महीने जेल में रहना पड़ा। मुझे यह भी नहीं पता था कि मैं बाहरी दुनिया को फिर कभी देख पाऊँगा या नहीं। जिस अपराध का मुझ पर आरोप लगाया गया था, मुझे नहीं लगता था कि मैं यहाँ से कभी जिंदा निकल पाऊँगा। ईशनिंदा का आरोप, जिसमें मक्का भी शामिल हो, कोई छोटा मुद्दा नहीं था। मेरा जीवन लगभग समाप्त हो गया था।”
हरीश बंगेरा की कहानी
दिसंबर 2019 में उनके नाम और तस्वीर के तहत एक फेसबुक प्रोफ़ाइल सामने आई, जिस पर मक्का में काबा की तस्वीर के साथ एक पोस्ट प्रकाशित किया गया था। पोस्ट में लिखा था, “मेरे सभी हिंदू भाइयों… मक्का में अगला राम मंदिर… लड़ाई के लिए तैयार रहो… जय श्रीराम…मोदी हमारे साथ हैं।” इस पोस्ट पर न केवल सैकड़ों कमेंट्स आए, बल्कि सऊदी अरब में वायरल हो गया और कई सोशल नेटवर्किंग समूहों ने इसके स्क्रीनशॉट शेयर किए। इस पोस्ट पर सऊदी अरब के अधिकारियों की भी नजर पड़ी, जिसके बाद बंगेरा के लिए मुसीबतों की शुरुआत हुई।
उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया, उसके गिरफ्तार कर लिया गया और महीनों तक ईशनिंदा के आरोप में प्रताड़ित किया गया। इस दौरान बंगेरा ने समझाने की कोशिश की कि प्रोफाइल उनकी नहीं है, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। कथित तौर पर, बंगेरा ने सीएए के विरोध के बारे में एक पोस्ट साझा किया था, जिसकी वजह से 2019 में मैंगलोर में दंगे हुए थे। इसी की वजह से उनका खिलाफ पूरा उपद्रव हुआ था।
उपद्रव के बारे में बताते हुए बंगेरा ने कहा, “उन लोगों ने मुझे फोन किया, मुझे धमकाया, संदेश भेजे। उन्होंने व्हाट्सएप और फेसबुक पर मेरी तस्वीरें पोस्ट करना और मेरे बारे में अफवाहें फैलाना शुरू कर दिया। मैंने वीडियो पहले ही हटा लिया था, फिर भी मेरे गृह क्षेत्र के स्थानीय मुस्लिम जो जानते थे कि मैं कहाँ काम करता हूँ, हमला जारी रखा, जो मेरे कार्यस्थल तक पहुँच गया।”
यह सब बदला लेने के लिए किया गया था
बंगेरा ने कहा कि लोगों को उन पर हमला करने से रोकने के लिए उन्होंने एक वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने माफी माँगी और भविष्य में ऐसा कोई भी कंटेंट साझा नहीं करने का वादा किया, लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने कहा, “वे बदला लेना चाहते थे और उन्होंने एक नकली प्रोफ़ाइल बनाई और मक्का में मंदिर बनाने के बारे में कुछ अपमानजनक सामग्री और पोस्ट पोस्ट की। मुझे लगा कि मेरी जिंदगी खत्म हो गई है।”
बंगेरा की पत्नी ने भारत से उनका समर्थन किया
बंगेरा की पत्नी को शक था कि पूरा मामला उनके पति के खिलाफ साजिश है। बंगेरा के दोस्त लोकेश, कार्यकर्ता रवींद्र शानभाग, अभिमाता और अन्य स्थानीय संगठन उनकी पत्नी के समर्थन में आए। उन्होंने उडुपी पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज की, जिसके बाद दो दोषियों को फर्जी प्रोफ़ाइल बनाने और पोस्ट प्रकाशित करने के लिए गिरफ्तार किया गया।
उडुपी पुलिस ने फर्जी प्रोफाइल के पीछे कर्नाटक के मूडाबिद्री के दो मुस्लिम भाइयों अब्दुल हुयेज और अब्दुल थुएज को नामजद किया। उन्हें अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वे फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। उनके खिलाफ निचली अदालत में मामला चल रहा है।
दोनों के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के बाद स्थानीय नेताओं ने मामले को फॉलो किया और भारत सरकार द्वारा सऊदी अरब सरकार को उनकी रिहाई के लिए संदेश भेजा। उडुपी से भाजपा सांसद और कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने बंगेरा की वापसी में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने कथित तौर पर कर्नाटक के गृह विभाग के माध्यम से विदेश मंत्रालय के सचिव को लिखा था और जाँच में तेजी लाने के लिए खुफिया प्रमुख कमल पंत के साथ बात की थी।
बंगेरा ने कहा, “शोभा मैम ने मुझे आश्वासन दिया है कि वह सुनिश्चित करेंगी कि दोषियों को सजा मिले। नहीं तो और भी कई हरीश बंगेरा होंगे जिनके पास वह समर्थन और संसाधन नहीं होंगे, जो मुझे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।”
कथित तौर पर, सऊदी अरब में अफवाहें फैलाने वालों पर झूठी अफवाहों और मानहानि का मामला दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बंगेरा ने कहा, “मुझे लगता है कि उनमें से चार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। आप देखिए, वहाँ का कानून पर किसी का ‘प्रभाव’ नहीं है। यह भारत नहीं है।”
बंगेरा ने अपनी वापसी संभव बनाने के लिए भगवान को धन्यवाद दिया
जब वे जेल में थे, उनकी पत्नी, मित्र और उनका समर्थन करने वाले संगठन के लोग अनेगुंडी मंदिर गए और शपथ ली कि अगर बंगेरा सुरक्षित लौटेंगे तो वे मंदिर की पदयात्रा करेंगे। उन्होंने कहा, “गणपति ने इसे संभव बनाया है।” स्वराज्य को साक्षात्कार देने से पहले बंगेरा ने मंदिर की तीर्थयात्रा पूरी की।