Sunday, November 17, 2024
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अलीगढ़ के जामा मस्जिद को तोड़ कर हटाने की माँग, RTI से खुलासा – ‘सार्वजनिक स्थान पर बनी है’, भड़की सपा ने कहा – ‘पागल, गंदी सोच’

समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक जमीर उल्लाह ने इस मामले में भाजपा पर लोगों को आम मुद्दे से भटकने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "यह मस्जिद सन 1728 में बनाई गई थी।

UP के अलीगढ़ जिले में जामा मस्जिद के पब्लिक प्लेस पर बने होने का दावा किया गया है। यह दावा RTI से मिले एक जवाब के बाद किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि केशव दत्त शर्मा द्वारा सूचना के अधिकारी के तहत माँगे गए जवाब में नगर निगम ने स्वीकार किया है कि जामा मस्जिद सार्वजनिक स्थान पर बनी हुई है। अब इस मस्जिद को तोड़ने के लिए DM (जिलाधिकारी) को पत्र लिखा गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मस्जिद अलीगढ़ के ऊपरकोट इलाके में है। यह 300 साल पुरानी बताई जा रही है। भाजपा नेताओं ने भी अब इस मस्जिद के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। उन्होंने मस्जिद को अवैध बताया और तोड़ने की माँग की जबकि समाजवादी पार्टी ने इसे जनहित मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया है।

RTI एक्टिविस्ट केशव ने’ जन सूचना अधिकार अधिनियम’ के तहत जून 2021 में ये सवाल किए थे। इस RTI में यह भी पूछा गया था कि जमीन किसकी है और इसका टैक्स कितना भरा जाता है? इन सवालों के जवाब में अलीगढ़ नगर निगम ने जवाब दिया कि जामा मस्जिद जिस स्थान पर बनी है, वहाँ का मालिकाना हक किसी के भी पास नहीं है और वो सार्वजनिक स्थान पर बनी हुई है। नगर निगम द्वारा जवाब मिलने के बाद RTI एक्टिविस्ट ने 8 मई 2022 को अलीगढ़ के DM के साथ आयुक्त, नगर निगम कमिश्नर, और विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को लेटर जामा मस्जिद को सार्वजनिक भूमि पर कब्ज़ा बताया। इसी के साथ उन्होंने पत्र में लिखा है कि यदि 15 दिनों के अंदर स्थानीय प्रशासन ने मस्जिद के कब्ज़े से सार्वजनिक भूमि न मुक्त करवाई तो वो अदालत जाएँगे।

इस पूरे विवाद में भाजपा नेता और अलीगढ़ की पूर्व मेयर का शकुंतला भारती भी बयान आया है। उन्होंने कहा, “अगर नगर निगम इस बात को स्वीकार कर रहा है कि जामा मस्जिद सार्वजनिक भूमि पर बनी है तो उसको टूटना चाहिए। इसके लिए मैं सरकार को पत्र लिखूँगी। इसी के साथ मैं इस बात से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी अवगत करवाऊँगी।”

अलीगढ़ के नगर आयुक्त गौरांग राठी के मुताबिक, “किसी भी पार्टी का हमें कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। RTI में जो जवाब माँगा गया था हमने उसका सही जवाब दिया है। अभी किसी भी धर्मस्थल पर कोई भी कार्रवाई पर विचार नहीं हो रहा है। फिलहाल नगर निगम सिर्फ अतिक्रमण विरोधी अभियान पोखर की जमीन से अवैध कब्जे और सफाई व्यवस्था करने के लिए चला रहा है।” वहीं अलीगढ़ के ADM ने इस मुद्दे पर कहा, “हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई है। न ही इस मामले की कोई जाँच पेंडिंग है। 300 साल पुरानी उस मस्जिद पर कोई विवाद नहीं है। RTI में जो सूचना माँगी गई थी वो दी गई। यदि कोई शिकायत मिलेगी तो उस पर नियमानुसार जाँच करवाई जाएगी।”

समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक जमीर उल्लाह ने इस मामले में भाजपा पर लोगों को आम मुद्दे से भटकने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “यह मस्जिद सन 1728 में बनाई गई थी। तब साबित खान राज्यपाल थे। तब नगर निगम और भाजपा कोई नहीं था। RTI डालने वाले की ही मंशा गलत है और वो माहौल खराब करना चाहता है। वो लोग पागल हैं जो इस मस्जिद को तोड़ने की बात करते हैं। उनकी सोच गंदी है। जामा मस्जिद को सरकार का संरक्षण है। यह और किला सरकार के गज़ट में है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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