उत्तर कश्मीर के लोलाब में वोटरों से बात करने पहुँचीं अर्चना तिवारी की मुश्ताक नाम के मुस्लिम शख्स से चुनावों को लेकर चर्चा हुई। पहले तो मुश्ताक बताता दिखा कि वो इंजीनियर रशीद का समर्थक है और उसे अपने इलाके में डैम, प्ले ग्राउंड की जरूरत है और सस्ती बिजली की जरूरत है।
वीडियो में 3:52 के बाद देख सकते हैं कि मुश्ताक ने बताया कि उसके इलाके से भाजपा नहीं जीत सकती क्योंकि पार्टी ने उनके (मुसलमान) मुताबिक काम नहीं किया है। इस दौरान मुश्ताक ने बताया कि भाजपा ने शराब की दुकान खोलीं, चावल महंगे किए और मस्जिद के सामने मंदिर बना दिए।
अर्चना तिवारी ने पूछा कि आखिर सबसे ज्यादा दिक्कत किस बात से हुई। इस पर मुश्ताक ने कहा शराब की दुकान और मंदिर बनाने से… मुश्ताक ने कहा- “हम मुसलमान हैं। हमने अल्लाह को चुना है। हम पढ़ते हैं नमाज, आप लोग जाते हैं मंदिर। मुसलमान मस्जिद में जाएगा और हिंदू को मंदिर में पूजा करते देखेगा तो बिलकुल अच्छा नहीं लगेगा। मंदिर में पूजा देखने से मुसलमान को समस्या होती है।”
देखिए क्या मिसाल दे रहे हैं सेक्युलर भारत की मुश्ताक मिया..
— Archana Tiwari (@ArchanaRajdharm) September 22, 2024
बीजेपी के घोषणा पत्र में 100 मंदिरों का जीर्णोद्धार लिखा है पर क्या ये लोग मंदिरों का उद्धार होने देंगे ?#Kashmir #kashmirelection pic.twitter.com/mYB6tZl9j0
अर्चना तिवारी ने ये बात सुन हैरानी जताई और कहा भी हिंदुओं को मुस्लिमों से कभी समस्या नहीं होती। इस पर मुश्ताक ने कहा- “आप लोगों को दिक्कत नहीं होगी लेकिन हम लोगों को समस्या है क्योंकि हम मुसलमान है।” मु्श्ताक ने आगे ये भी बताया कि अगर कोई हिंदू आएगा और यहाँ खुलेआम शराब पीएगा तो ये उसके लिए ठीक नहीं होगा। हम उसे मारेंगे। शराब हमारे मजहब में नहीं आती। हम ऐसा नहीं होने देंगे”
मुश्ताक ने आगे अपनी तमाम माँगों के साथ बताया कि गाँव में मंदिर बनाना बिलकुल ठीक नहीं है। अगर कोई आकर मंदिर बनाएगा तो हमें उसे जलाना ही पड़ेगा। इस पर अर्चना तिवारी ने पूछा- “आपको ये बातें किसने सिखाई? इस पर मुश्ताक बोलते दिखे कि अल्लाह की कसम ये बातें किसी ने नहीं सिखाईं, ये मैं अपनी जुबान से बोल रहा हूँ।”
मुश्ताक ने आगे बताया कि वो लोग हिंदुओं को अपनी जमीन ही नहीं देंगे कि कोई आकर मंदिर बना सके। वह बोला, “ये जमीन मोदी की नहीं है। ये हमारी है। हम नमाज पढ़ते हैं। पाँच बार पढ़ते हैं।”
आगे उसने बताया कि उसने कुरान में मंदिर जलाने वाली बात तो नहीं पढ़ी लेकिन उसे ये सब पता है क्योंकि वो मुसलमान है। उसने ये भी कहा कि अगर वो लोग मस्जिद में नमाज पढ़ें और हिंदू पूजा-पाठ या भजन करें तो उन्हें बिलकुल अच्छा नहीं लगेगा।
इस्लामी कट्टरपंथी और अर्चना के बीच हुई बातचीत की क्लिप देखने के बाद लोग हैरान हैं और कह रहे हैं कि ऐसी मानसिकता के लोग ही कश्मीर में रहे होंगे जो पंडितों के साथ 90 के दशक में नरसंहार किया गया।