Monday, November 18, 2024
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बकरीद पर गाय, बछड़े और ऊँट की कुर्बानी नहीं: जम्मू-कश्मीर प्रशासन हुआ सख्त, भारत सरकार ने भेजी थी चिट्ठी

“पशुओं की हत्या को रोकने के लिए पशु कल्याण कानूनों से जुड़े सभी अधिनियमों और नियमों के प्रावधानों के अनुसार सभी उपाय करने का निर्देश दिया गया है।"

बकरीद से पहले जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जानवरों की कुर्बानी को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य के पशु/भेड़पालन और मत्स्य पालन विभाग ने ईद के मौके परे गायों, बछड़ों, ऊंटों की कुर्बानी पर प्रतिबंध लगाने का आदेश किया है। इस मामले में विभाग ने जम्मू-कश्मीर के संभागीय आयुक्त और आईजीपी को एक पत्र लिखा है।

दरअसल, बकरीद पर बड़े पैमाने पर जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इसी की संभावनाओं को देखते हुए भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय व भारत सरकार के पशु कल्याण बोर्ड की ओर से राज्य को अवैध रूप से जानवरों की कुर्बानी को रोकने के संबंध में एक पत्र लिखा गया था।

इसमें कहा गया है कि बकरीद के मौके पर जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में बड़ी संख्या में कुर्बानी के लिए जानवरों की हत्या किए जाने की संभावना है। इसे देखते हुए पशु कल्याण बोर्ड ऑफ इंडिया ने सभी एहतियाती उपायों को लागू करने का अनुरोध किया है।

पत्र में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम-1960, पशु परिवहन कल्याण नियम-1978, पशु परिवहन (संशोधित) नियम-2001, स्लॉटर हाउस नियम-2001 (जिसके तहत ऊंटों की कुर्बानी नहीं दी जा सकती) का कड़ाई से पालन करने का निर्देश म्युनिसिपल लॉ एंड फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने दिया है।

पत्र में आगे कहा गया है – “पशुओं की हत्या को रोकने के लिए पशु कल्याण कानूनों से जुड़े सभी अधिनियमों और नियमों के प्रावधानों के अनुसार सभी उपाय करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा इन नियमों का उल्लंघन करने वाले आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस लेटर की एक कॉपी भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष को भी भेजी गई है।

पशुओं की कुर्बानी को रोकने के लिए राज्य के सभी जिलाधिकारियों, आयुक्त, एसएमसी/जेएमसी, पशुपालन विभाग के निदेशक, जम्मू-कश्मीर भेड़पालन विभाग के निदेशक, जम्मू-कश्मीर के शहरी निकायों के निदेशकों और सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र की एक कॉपी भेजी गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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