अमन सिन्हा जेएनयू से डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहा है। वामपंथी छात्र संगठन आइसा और पिंजड़ा तोड़ से जुड़ा रहा सिन्हा दिल्ली विश्वविद्यालय की विभिन्न कॉलेजों की छात्राओं पर बुरी नजर डालने को लेकर चर्चा में है। डीयू बीट की ताजा रिपोर्ट से उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं।
जनवरी 2019 में ऑपइंडिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस वूमेन डेवलपमेंट सेल (WDC) के बयान पर उसके खिलाफ रिपोर्ट की थी। इसमें जेएनयू के स्नातकोत्तर छात्र अमन सिन्हा पर महिलाओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया था। तब पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि अमन सिन्हा हर प्रदर्शन में प्रमुख छात्र नेताओं के साथ मौजूद रहता है। वहाँ मौजूद भोली-भाली महिलाओं को अपनी और आकर्षित कर उन्हें फाँसता है।
इन आरोपों के बाद ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने उसे संगठन से बाहर कर दिया था। पिंजरा तोड़ ने भी उसे निष्कासित कर दिया था। याद रहे कि पिंजरा तोड़ वही अल्ट्रा-लेफ्ट विंग संगठन है जिस पर दिल्ली में सीएए विरोध के नाम पर हिंसा भड़काने और सड़कों को जाम करने का आरोप लगे थे।
चौंकाने वाली बात यह है कि जेएनयू के छात्र अमन सिन्हा के खिलाफ अब कुछ और यौन उत्पीड़न के नए मामले सामने आए हैं। उसके व्यवहार से परेशान कई पीड़ितों ने आपबीती सुनाई है। एक महिला ने बताया कि सिन्हा बातचीत के दौरान अक्सर उसकी तस्वीरें लेता था। कई बार उसके हाथों को पकड़कर सहलाने लगता था।
इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वूमेन (IPCW) की एक छात्रा के अनुसार सिन्हा के लिए खुले रिश्ते का मतलब है यौन सुख। सिन्हा ने उसे कुछ आपत्तिजनक लिंक भेजे थे। उसने बताया- यह सब मेरे लिए बहुत डरावना और परेशान करने वाला था। मैंने उसे हर जगह ब्लॉक कर दिया। श्रेया नाम की एक महिला ने बताया कि सिन्हा ने उससे अपने रिश्तों के बारे में झूठ बोला था।
हालाँकि अमन सिन्हा इन आरोपों को मनगढ़ंत बताता है। उसका कहना है इस सबकी शुरुआत WDC मिरांडा के पोस्ट से हुई थी। इसमें कोई ठोस दावा नहीं था। बकौल सिन्हा वह इस मामले में आईसीसी या दिल्ली महिला आयोग या किसी अन्य संगठन की जाँच में पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार है।
गौरतलब है कि सीएए विरोध के नाम पर जेएनयू में हुई हिंसा को अंजाम देने वालों में अमन सिन्हा का नाम प्रमुख रूप से सामने आया था। दरअसल, वामपंथी संगठनों ने अमन सिन्हा को एबीवीपी का गुंडा बताते हुए हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया था। बाद में खुलासा हुआ कि वह कन्हैया कुमार, उमर खालिद और कट्टरपंथी वामपंथी संगठनों से जुड़ा रहा है। इसके बाद अमन को लेकर सोशल मीडिया पर एक यूजर ने खुलासा करते हुए लिखा था, क्या ये वही छात्र है, जिसने अफजल गुरु के शहीदी के नारे लगाए थे और उसके पोस्टर लेकर घूमा था।