बिहार के भागलपुर कोर्ट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें काला कोट पहना व्यक्ति लोगों को चीख-चिल्ला रहा है और अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहा है। इस व्यक्ति को जज सूचित बाजपेई (Suchit Bajpai) बताया जा रहा है। एडवोकेट संघ ने जज का बहिष्कार करते हुए इस संबंध में पटना के चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी है।
इस वीडियो में न्यायिक अधिकारी को ‘चु#या, बेवकूफ, पागल’ आदि कहते हुए सुना जा सकता है। बताया जा रहा है कि न्यायिक अधिकारी की बहस कोर्ट रूम में एक एडवोकेट के साथ हो रही है। यह वीडियो 10 दिन पुराना बताया जा रहा है।
“Chutiya kahin ka, pagal, bewakoof”
— ashok bagriya (@ashokbagriya10) August 9, 2023
– a lawyer & judicial magistrate, Suchit Bajpai, Bhagalpur engage in war of words in courtroom 👇 . This video, almost 10 days old shows the
State of affairs in Lower Judiciary pic.twitter.com/yM5d354H4Y
भागलपुर के जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं का कहना है कि वे प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी सूचित बाजपेयी के अत्याचार से परेशान हैं। इस घटना के बाद अधिवक्ताओं ने कोर्ट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में विधिक संघ सभागार में अधिवक्ताओं ने बैठक भी बुलाई थी।
अधिवक्ताओं का कहना है कि दंडाधिकारी कार्य करने की प्रणाली में किसी न किसी कारण आवेदन पर नुक्स निकालकर उसे रद्द करने की कोशिश करते हैं और बिना कारण विलंब करने का प्रयास करते हैं। इसके बाद अधिवक्ता अनिल कुमार झा उनसे बात करने की कोशिश की तो दोनों के बीच बहस हो गई।
अधिवक्ताओं का कहना है कि अधिवक्ता संघ द्वारा इनकी शिकायत जिला जज एवं अन्य न्यायिक पदाधिकारी को लिखित रूप से की गई थी। इसके बावजूद दंडाधिकारी अपने कार्य प्रणाली में सुधार नहीं करते हैं हर रोज कर्मचारियों को मानसिक प्रताड़ना देते रहे हैं।
बैठक में बार एसोसिएशन के सभी अधिकारियों और सदस्यों ने भागलपुर कोर्ट में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सूचित बाजपेई के व्यवहार की निंदा की। उन्होंने कहा कि सभी जज द्वारा अधिवक्ताओं और न्यायालय कर्मियों के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए दुर्व्यवहार किया जाता है।
बार एसोसिएशन के 93 अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष जयकरण गुप्ता से शिकायत की थी। इसकी सूचना पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और बिहार विधिक संघ को दी गई। जिला विधिक संघ के महासचिव ने कहा कि अगर उनकी माँगें जल्द से जल्द पूरी नहीं की जाती है तो वे सभी आगे आंदोलन करेंगे।