कर्नाटक के कलबुर्गी में सरकारी नौकरी के लिए हो रहे इम्तिहान के दौरान हिन्दू छात्राओं के मंगलसूत्र और कानों की बालियाँ उतरवाने का मामला सामने आया है। छात्राओं का आरोप है कि बुर्का पहने छात्राओं को चेकिंग के बाद प्रवेश की अनुमति दे दी गई थी। भारतीय जनता पार्टी ने इस घटना को हिन्दुओं के खिलाफ पक्षपात बताया है। घटना रविवार (5 नवम्बर, 2023) की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला कलबुर्गी के प्री-ग्रेजुएशन गर्ल्स कॉलेज का है। रविवार को यहाँ कर्नाटक पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा एफडीए भर्ती परीक्षा आयोजित थी। इस परीक्षा के दौरान कई लड़कियों ने आरोप लगाया है कि जाँच के नाम पर उनसे मंगलसूत्र और गले की चेन उतरवा ली गई। परीक्षा देने आई कुछ अन्य महिलाओं ने सुरक्षा जाँच के नाम पर कानों की बालियाँ और पायल भी उतरवा लेने की बात कही है। इन महिलाओं में एक का नाम राजम्मा है।
वहीं एक अन्य छात्रा का आरोप है कि कुछ लड़कियाँ बुर्का पहन कर आईं थीं। उन लड़कियों की जाँच तो की गई लेकिन उन्हें बुर्के में ही अंदर जाने की अनुमति दे दी गई थी। इस आदेश की शिकार छात्राओं के मुताबिक हिन्दू परम्परा में मंगलसूत्र का उतारा जाना अपशगुन होता है लेकिन अधिकारियों की वजह से उनको ऐसा करना पड़ा। उन पर पैरों की बिछिया तक को भी उतारने का दबाव बनाया गया। जाँच कर रहे अधिकारियों ने इसे कुछ छात्रों के ब्लूटूथ और नकल करने की अन्य सामग्री के साथ पकड़े जाने के बाद बरती गई सख्ती बताया है।
ಹಿಂದುಗಳಿಗೆ ಮಾತ್ರವೇ? https://t.co/TjZ5yVTVw8
— Basanagouda R Patil (Yatnal) (@BasanagoudaBJP) November 5, 2023
हालाँकि, जाँच के नाम पर प्रभावित हुई छात्राओं ने इस जवाब पर पूछा कि किसी और की गलती की सजा उनको क्यों दी जा रही है? कुछ ही देर में यह खबर वायरल हो गई। भारतीय जनता पार्टी के विजयपुरा से विधायक बसनगौड़ा ने पूछा है कि क्या नियम सिर्फ हिन्दुओं के लिए ही है? विरोध बढ़ता देख कर कई अधिकारी कॉलेज पहुँच गए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिलाओं के मंगलसूत्र आदि चेकिंग के नाम पर न उतरवाए जाएँ।