कर्नाटक में चल रहे बुर्का विवाद (Karnataka Hijab Row) के बीच कन्नड़ अभिनेता चेतन कुमार (Chetan Kumar) को गिरफ्तार किए जाने की खबर है। उनके खिलाफ कार्रवाई उस ट्वीट को लेकर की गई है जिसमें उन्होंने इस मामले की सुनवाई से जुड़े कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस कृष्णा दीक्षित पर सवाल उठाए थे। चेतन कुमार को पुलिस ने मंगलवार (22 फरवरी 2022) देर रात बेंगलुरु से गिरफ्तार किया। उनके ट्वीट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस ने FIR दर्ज की और उन्हें गिरफ्तार किया।
Karnataka | Actor & human rights activist Chethan Kumar arrested for his tweet (on Hijab and Justice Krishna Dixit). A suo moto FIR registered in Sheshadripuram PS as Cr. No. 40/2022 u/s 505(2) & 504 IPC. Kumar will be produced before the Jurisdictional Magistrate: DCP Central
— ANI (@ANI) February 22, 2022
पुलिस ने बताया है कि अभिनेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता चेतन कुमार को उनके ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में शेषाद्रिपुरम थाने में स्वत: संज्ञान लेते हुए 505 (2) और 504 के तहत FIR दर्ज की गई है। इससे पहले 22 फरवरी को चेतन की पत्नी मेघा ने आरोप लगाया था कि कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा ले जाने के बाद से उनके पति गायब हो गए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुद को लाइव करते हुए मेघा ने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व सूचना या कानूनी नोटिस के चेतन को उनके घर से ले जाया गया और अब उनके ठिकाने का पता नहीं चल रहा है।
मेघा ने आरोप लगाया, “चेतन का फोन स्विच ऑफ है, उसके गनमैन का फोन भी स्विच ऑफ है। मैंने शेषाद्रिपुरम थाने में भी चेक किया तो उन्होंने कहा कि चेतन उनकी हिरासत में नहीं है और उसे पूछताछ के लिए कहीं और ले जाया गया है। यह एक तरह का अपहरण है।”
मामला क्या है
दरअसल, चेतन कुमार ने 16 फरवरी को जस्टिस कृष्णा दीक्षित के बारे में अपने एक पुराने ट्वीट को रिट्वीट किया था। पुराने ट्वीट में उन्होंने दुष्कर्म के एक आरोपित को जस्टिस दीक्षित द्वारा जमानत देने पर टिप्पणी की थी। इसे रिट्वीट करते हुए उन्होंने हिजाब विवाद की सुनवाई से जस्टिस कृष्णा दीक्षित के जुड़े होने को लेकर टिप्पणी की।
रीट्वीट करते हुए कन्नड़ अभिनेता ने लिखा, “यह एक ट्वीट है जिसे मैंने लगभग दो साल पहले कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के संबंध में लिखा था। जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने दुष्कर्म के एक मामले में इस तरह की परेशान करने वाली टिप्पणी की थी। अब यही जज तय कर रहे हैं कि सरकारी स्कूलों में हिजाब स्वीकार्य है या नहीं। क्या ऐसा करने के लिए उनके पास स्पष्टता है?”