Monday, November 18, 2024
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जिस पुलिस अधिकारी को DK शिवकुमार ने दी थी धमकी, वो बने CBI के नए मुखिया: हिमाचल के रहने वाले, 22 की उम्र में बने थे IPS

DGP प्रवीण सूद इस साल मार्च में सुर्खियों में आए थे। कर्नाटक कॉन्ग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार ने उन पर राज्य में भाजपा सरकार की संरक्षण देने का आरोप लगाया था। शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि डीजीपी कॉन्ग्रेस नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज कर रहे हैं। शिवकुमार ने सूद की गिरफ्तारी की माँग की थी।

कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रवीण सूद केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) के अगले निदेशक होंगे। सूद 1986 बैच के कर्नाटक कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी हैं। CBI के वर्तमान निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल का कार्यकाल 25 मई 2023 को पूरा हो रहा है। इसके बाद सूद अपना पदभार सँभालेंगे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवीण सूद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के पैनल ने चुना है। सीबीआई निदेशक पद की दौड़ में मध्य प्रदेश के DGP सुधीर सक्सेना भी थे।

यह भी कहा जा रहा है कि सूद उन अधिकारियों लिस्ट शामिल नहीं थे, जिन्हें सीबीआई चीफ के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। उनका नाम आखिरी वक्त में शामिल किया गया। इसको लेकर चौधरी ने सूद की सिफारिश के खिलाफ एक असहमति नोट पेश किया है।

DoPT विभाग की अधिसूचना (साभार: इंडिया टुडे)

प्रवीण सूद को जनवरी 2020 में कर्नाटक के DGP के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने साल 1989 में ASP के रूप में मैसुरु से अपने करियर की शुरुआत की थी। साल 1999 में वह तीन साल के लिए मॉरीशस सरकार के पुलिस सलाहकार के रूप में विदेशी प्रतिनियुक्ति पर गए थे। वहाँ उन्होंने यूरोपीय और अमेरिकी पुलिस के साथ मिलकर काम किया था।

प्रवीण सूद कर्नाटक के डीजीपी बनने से पहले गृह विभाग के प्रमुख सचिव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, प्रशासन का काम किया है। वे अगले साल मई में सेवानिवृत्त होने वाले थे। हालाँकि, सीबीआई चीफ बनने के बाद वे कम-से-कम मई 2025 तक इस पद पर बने रहेंगे।

प्रवीण सूद मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई इंजीनियरिंग में आईआईटी दिल्ली से की है। साल 2003 में उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलुरु और मैक्सवेल स्कूल ऑफ गवर्नेंस, न्यूयॉर्क से पब्लिक पॉलिसी और प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए स्टडी ब्रेक लिया था।

उन्हें सेवा में उत्कृष्टता के लिए साल 1996 में मुख्यमंत्री स्वर्ण पदक, सराहनीय सेवा के लिए साल 2002 में पुलिस पदक और विशिष्ट सेवा के लिए 2011 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा, वर्ष 2011 में ‘यातायात प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी के सबसे नवीन उपयोग’ के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस गोल्ड अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

बेंगलुरु शहर के पुलिस कमीश्नर के रूप में उन्होंने नागरिकों के लिए ‘आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली’ ‘नम्मा 100’ लॉन्च की थी। यह 24X7 बहुभाषी अधिकारियों द्वारा प्रबंधित 100 लाइनें प्रदान करता है, और पूरे बेंगलुरु शहर में फैले 276 आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहनों (होयसला) को सहयोग करता है।

लगभग 22 साल की कम उम्र में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास कर IPS बने प्रवीण सूद ने महिला पुलिस द्वारा प्रबंधित ‘सुरक्षा’ ऐप और ‘पिंक होयसला’ लॉन्च करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह ऐप संकट में घिरे महिलाओं और बच्चों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार वर्तमान सीबीआई निदेशक सुबोध जायसवाल के कार्यकाल को बढ़ाने के बारे में कोई फैसला नहीं किया है। उनका कार्यकाल अगले 10 दिनों में यानी 25 मई को खत्म हो रहा है। सुबोध जायसवाल CBI चीफ बनने से पहले महाराष्ट्र सरकार में डीजीपी थे।

DGP प्रवीण सूद इस साल मार्च में सुर्खियों में आए थे। कर्नाटक कॉन्ग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार ने उन पर राज्य में भाजपा सरकार की संरक्षण देने का आरोप लगाया था। शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि डीजीपी कॉन्ग्रेस नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज कर रहे हैं। शिवकुमार ने सूद की गिरफ्तारी की माँग की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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