कर्नाटक में कक्षाओं में हिजाब पहनने को लेकर चल रहे विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं अब सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर भाजपा नेता यशपाल सुवर्णा और श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक का सिर कलम करने की धमकी दी गई है। इस मामले को लेकर उडिपी में शिकायत दर्ज कराई गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा नेता यशपाल सुवर्णा, जो कॉलेज प्रशासन के सदस्य भी हैं, ने कहा, “सार्वजनिक जीवन में सोशल मीडिया के माध्यम से इस तरह के संदेश और धमकी भरे कॉल आना बहुत आम है। जब हम राष्ट्र के लिए काम करते हैं, तो देश विरोधी संगठन या विदेश में बैठे देशद्रोही इस तरह की धमकी देते रहते हैं। मैं इसे गंभीरता से नहीं लूँगा। यह जीवन का एक हिस्सा है। हम संविधान के दायरे में रहकर अपना काम कर रहे हैं। मेरे और प्रमोद मुतालिक के बारे में एक इंस्टाग्राम पोस्ट से कोई फर्क नहीं पड़ता। हम अपने कदम पीछे नहीं हटाएँगे।”
उन्होंने कहा, “मैं इंस्टाग्राम पोस्ट को लेकर परेशान नहीं हूँ, हालाँकि, मैं जानना चाहता हूँ कि इस मुद्दे के पीछे स्थानीय लोग कौन हैं। हम इसका पता लगा लेंगे।”
गौरतलब है कि कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के एक कॉलेज में पढ़ने वाली 23 छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कक्षाओं में जाने से 7 दिनों की अवधि के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। पुत्तूर तालुक में उप्पिनंगडी डिग्री कॉलेज के अधिकारियों के छात्राओं द्वारा हिजाब उतारने के बिना कक्षाओं में भाग लेने से इनकार करने के बाद यह निर्णय लिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार (7 जून, 2022) की घटना ऐसे समय में आई है जब कर्नाटक सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें कक्षाओं में हिजाब पहनने के लिए कोई जगह दिए बिना छात्राओं के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य कर दी गई है।
वहीं हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दिए जाने का विरोध करने की कोशिश करने के बाद छात्राओं को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में कहा गया है कि छात्राओं को नोटिस मिलने के तीन दिनों के भीतर जवाब देना होगा। इसमें यह भी उल्लेख है कि छात्राओं ने बाहरी तत्वों से मिलकर कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है।
बता दें कि उडुपी प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की 6 छात्राओं के विरोध के रूप में शुरू हुआ हिजाब विवाद पिछले एक साल में कर्नाटक में एक बड़ी समस्या बन गया है। जबकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस साल मार्च में फैसला दिया था कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य धार्मिक हिस्सा नहीं है। बावजूद इसके ये मुस्लिम छात्राएँ कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देने पर जोर दे रही हैं।