कर्नाटक के मांड्या में 108 फीट ऊँचे हनुमान ध्वज को हटाने के मामले में जहाँ हिंदूवादी संगठन सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं इस बीच खबर है कि केरागोडु ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (PDO) को निलंबित कर दिया गया। मांड्या जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शेख तनवीर आसिफ ने यह आदेश सोमवार (30 जनवरी 2024) को जारी किया।
तनवीर आसिफ ने इस आदेश में कहा कि उनकी ओर से अनुमति सिर्फ केरागोडु गाँव में भारतीय तिरंगा फहराने की दी गई थी। लेकिन पीडीओ ने लोगों को हनुमान ध्वज फहराने का मौका दिया और जब उन्होंने इसे लगा लिया तो उन्होंने उसे हटाने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया।
कर्नाटक: हनुमान ध्वज हटाने का विवाद: केरागोडु ग्राम पंचायत पीडीओ निलंबित कर दिया गया है: जिला पंचायत मांड्या जिला, सीईओ शेख तनवीर आसिफ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 29, 2024
जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के मुताबिक तो हनुमान ध्वज को उतारने के कारण जो समस्या पैदा हुई उसके पीछे पीडीओ जिम्मेदार है। न वह हनुमान ध्वज खंभे पर लगने देता और न ही उसे उतारे जाने पर इतना बवाल होता। इसलिए उन्होंने पीडिओ को ही निलंबित कर दिया है।
बता दें कि 28 नवंबर 2024 को 108 फीट ऊँचे खंभे से हनुमान ध्वज उतारने के मामले के कारण बहुत विवाद हुआ था। हनुमान ध्वज को हटाने के खिलाफ भाजपा और हिंदूवादी संगठनों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि जिस राज्य में टीपू सुल्तान के पोस्टर लगे दिखते हैं वहाँ अगर हनुमान ध्वज फहराया जाए तो क्या दिक्कत है। भाजपा ने कॉन्ग्रेस सरकार की धर्मनिरपेक्षता पर भी सवाल खड़ा किया था।
इसके अलावा जिस गाँव में ध्वज हटाया गया वहाँ भी भीड़ इकट्ठा हो गई थी और उन्हें हटाने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया था और बाद में प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में हनुमान ध्वज हटाकर वहाँ राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया गया। इस दौरान वहाँ भीड़ भगवा ध्वज लेकर जयश्रीराम का नारा लगाती रही। हनुमान ध्वज हटाने के विरोध में भीड़ ने केरागोडु से मांड्या के जिला मुख्यालय में उपायुक्त कार्यालय तक लगभग 14 किमी की दूरी तय करते हुए मार्च किया। इसमें सीटी रवि और प्रीतम गौड़ा और जद (एस) नेता सुरेश गौड़ा और के अन्नदानी प्रदर्शनकारी भी शामिल हुए।