कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहने का मामला फिर उठने लगा है। चुनाव से पहले मुस्लिम संगठनों ने हिजाब विवाद को एक नया रंग देने की कोशिश की है। कर्नाटक के दक्षिणी जिलों के मुस्लिम संगठनों ने 13 नए प्राइवेट PG कॉलेज खोलने की योजना बनाई है। ये मामला तब सामने आया जब 13 नए निजी कॉलेज खोलने के लिए मुस्लिम संगठनों ने आवेदन दिया। जहाँ छात्राओं के हिजाब पहनने पर कोई पाबंदी नहीं होगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 5 साल में मुस्लिम संगठनों ने एक भी आवेदन नहीं किया था। वहीं एक साथ इतने प्राइवेट कॉलेज खोलने के लिए इतनी बड़ी संख्या में आवेदन हैरानी की बात है। तो वहीं इसे कर्नाटक में अगले साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर हिजाब विवाद को राजनीति रंग देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
बता दें कि कर्नाटक में राज्य की पिछली कॉन्ग्रेस सरकार ने सभी सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस कोड को अनिवार्य कर दिया था। हालाँकि, इसमें निजी शैक्षणिक संस्थानों को छूट दी गई थी। वहीं अब राज्य में सभी सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक चिह्नों पर भी प्रतिबंध लग गया है, लेकिन निजी शैक्षणिक संस्थान अपने हिसाब से हिजाब पहनने में छूट दे सकते हैं। इसीलिए कहा जा रहा है कि मुस्लिम संगठन अब हिजाब की व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपने लिए नए कॉलेज खोलना चाहते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में नए PG कॉलेज खोलेने के मुस्लिम संगठनों के आवेदनों की जाँच की जा रही है, अभी एक आवेदन मंजूर हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि नए कॉलेज खोलने के आवेदन सभी मापदंडों को पूरा करते हैं तो उन्हें मंजूरी दी जा सकती है।
गौरतलब है कि इससे पहले 1 जनवरी 2022 को कर्नाटक के उडुप्पी में हिजाब विवाद शुरू हुआ था जो धीरे-धीरे पूरे देश में विवाद का कारण बना था, जिसके बाद यह मामला कर्नाटक हाईकोर्ट तक पहुँचा था। फिलहाल, अभी कोर्ट के आदेशानुसार, कर्नाटक में राज्य के सभी शासकीय शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर पाबंदी है। इस वजह से मुस्लिम समुदाय की सैकड़ों लड़कियों ने परीक्षा तक छोड़ दी थी।
बता दें कि कर्नाटक के सभी सरकारी एजुकेशनल संस्थाओं में छात्राओं के हिजाब पहनने पर रोक है। करीब तीन महीने से अधिक समय तक चले हिजाब विवाद पर 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने साफ कहा था कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने की इजाजत देने से मना कर दिया था।
हालाँकि, कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। लेकिन, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया था। वहीं CJI एन वी रमन्ना ने मामले को स्वीकार करते हुए कहा था कि जल्द ही इस मामले में सुनवाई होगी। फ़िलहाल इस मामले में सुनवाई की तारीख तय नहीं की गई है।