जम्मू-कश्मीर के सोपोर में एक महिला सरपंच का अपहरण कर लिया गया। जाहिदा नामक इस सरपंच का आतंकियों ने एक वीडियो बनाया है। वीडियो में उससे कहवाया गया है कि वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगी।
हालाँकि, वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद महिला सरपंच को छोड़ देने की सूचना सामने आ रही है। हाल ही में सरपंच अजय पंडिता की हत्या कर दी गई थी।
अनंतनाग में अजय पंडिता की हत्या की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ आतंकी संगठन है। इसके बाद पूरे देश में रोष प्रदर्शन हुआ था।
रविवार (जून 14, 2020) को कपिल मिश्रा के आह्वान पर दुनिया भर के 100 से भी अधिक शहरों के हिन्दुओं ने जम्मू-कश्मीर में सपरंच अजय पंडिता की आतंकियों द्वारा हत्या के खिलाफ ऑनलाइन विरोध-प्रदर्शन किया।
दक्षिणी कश्मीर के एक गाँव के सरपंच और भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता कश्मीरी पंडित विजय रैना को भी जान से मार डालने की धमकी मिली है। उन्होंने आशंका जताई है कि वे आतंकियों का अगला निशाना हो सकते हैं।
वे कुलगाम जिला भाजपा के प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सुरक्षा की गुहार लगाई है और जम्मू-कश्मीर के सभी अल्पसंख्यक सरपंचों की सुरक्षा की व्यवस्था करने की माँग की है।
जहाँ तक सरपंच जाहिदा के अपहरण की ख़बर है, ये घटना शुक्रवार (जून 12, 2020) की है। सरपंच का वीडियो बनाकर इंटरनेट पर वायरल कर दिया गया। ‘जम्मू कश्मीर नाउ’ के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं में दहशत पैदा करने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस वीडियो को वायरल ना करें, क्योंकि इससे आतंकियों को दहशत फैलाने में मदद मिलेगी।
Top J&K Cops tell me these threats and drama by Lashkar/Hizbul to grassroots workers in a democracy wont work. These terrorists will be neutralised soon. Not sharing video because that would only help terrorists spread fear. Hope Govt provides security to brave Sarpanches.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) June 14, 2020
अजय पंडिता की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों ने कहा था कि कश्मीर में 700 साल से ज्यादा से कश्मीरी पंडितों का नरसंहार होता आ रहा है और हमारा जनेऊ हमेशा में रक्त में लिपटा रहा है। ये सिर्फ कश्मीरी पंडितों का ही नहीं सभी हिंदुओं का हाल है। बकौल कश्मीरी पंडित, अजय का अपराध बस इतना था कि उनका नाम अजय पंडिता था, वे जेनेऊधारी थे, इसीलिए उन्हें मौत की नींद सुला दिया गया।