केरल के एर्नाकुलम में चर्चों के आधिपत्य और उनमें प्रवेश को लेकर जैकोबाइट और ऑर्थोडॉक्स धड़ों की लड़ाई का रूप गंदला होता जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जैकोबाइट वाले ऑर्थोडॉक्स चर्च के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में छोटे छोटे बच्चों को अपने खून से ‘सत्यम’ लिखने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
“Forced children to write “Sathyam” in blood.”
— കൊച്ചു ത്രേസ്യാമ്മ (@Vedanshi_) October 31, 2019
What’s going on in the name of “faith” in Kerala, @MinistryWCD? This kind of torture shouldn’t go unpunished, @smritiirani. https://t.co/0SgIADTQdO
करीब 25000 संडे स्कूल के छात्र राज्य के विभिन्न पैरिशों से आकर कोठमंगलम में पैट्रिआर्क ऑफ़ अंतिओक के प्रति अपनी वफ़ादारी जताने के लिए इकट्ठे हुए थे। आ रही जानकारी के मुताबिक बच्चों की पहली उंगली में नुकीली चीज़ से घाव कर पीछे की ओर रबड़ बैंड बाँधे गए थे ताकि और खून बहे और उसका इस्तेमाल स्याही के तौर पर किया जा सके।
विरोध के इस तरीके से चाइल्ड राइट्स ग्रुप नाराज़ हो गए हैं। बाल अधिकार आयोग ने जिला प्रशासन, जिला बाल संरक्षण अधिकारी और पुलिस प्रमुख से रिपोर्ट माँगी है। चाइल्ड राइट्स कमीशन के चेयरमैन पी सुरेश ने कहा कि आयोग ने सुओ मोटो (स्वतः संज्ञान से) मामला दर्ज कर लिया है, और अगर जाँच में किसी भी तरह की ज़बरदस्ती की बात सामने आती है, तो विरोध प्रदर्शन के आयोजकों के खिलाफ कदम उठाए जाएँगे।
जैकोबाइट चर्च कोठमंगलम के फादर जोसे पृथुवायलील ने कहा है कि बच्चों ने यह सब अपनी मर्ज़ी से, स्वेच्छा से किया है। इसके अलावा इकठ्ठा 25000 बच्चों में से केवल कुछ ने ही ऐसा किया है। “लोगों का अपनी आस्था को जताने के कई तरीके होते हैं, ऐसे भी लोग होते हैं जो अपनी जान भी आस्था के किए कुर्बान करने को तैयार रहते हैं।”
इसके पहले एर्नाकुलम ज़िले के पिरवोम स्थित सेंट मेरी चर्च में उस समय अफ़रा-तफ़री मच गई थी जब सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पुलिस ने चर्च में प्रवेश करने की कोशिश की थी।
पिरवोम में स्थित चर्च में उस समय हालात बिगड़ गए थे जब ऑर्थोडॉक्स ग्रुप ने नियंत्रण लेने की कोशिश की और जैकबाइट्स ने नियंत्रण देने से इनकार कर दिया। आत्महत्या की धमकियों के बीच जिला कलेक्टर एस सुहास मौके पर पहुँचे थे और प्रदर्शनकारियों के साथ उन्होंने बात की। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन शीर्ष अदालत के आदेशों का पालन कर रही है। आख़िरकार, पुलिस ने चर्च में प्रवेश किया और प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार करना शुरू कर दिया। पुलिस इतनी मुस्तैद भी इसीलिए दिखी क्योंकि कोर्ट ने अपने आदेश पर की गई कार्रवाई की गुरुवार दोपहर 1.45 बजे तक रिपोर्ट माँगी थी।