पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान समर्थक नारे लगे गए हैं। यहाँ जरनैल सिंह भिंडरांवाले के पोस्टर भी लहराए गए। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान शिरोमणि अकाली दल (A) के पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान भी मौजूद रहे। स्वर्ण मंदिर में यह खालिस्तानी नारेबाजी ऑपरेशन ब्लूस्टार की 40वीं बरसी पर हुई।
गुरुवार (6 जून, 2024) को अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में यह घटना हुई। इस दौरान यहाँ बड़ी संख्या में सिख इकट्ठा हुए और तलवारों के साथ नारेबाजी की। कुछ युवाओं ने इस दौरान अपने हाथों में भिंडरांवाले की तस्वीर लगे पोस्टर भी पकड़े हुए थे। इन पर सिख यूथ फेडरेशन भिंडरांवाले (SYFB) का नाम लिखा हुआ था।
भीड़ में मौजूद लोग खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। कुछ लोगों ने अन्य पोस्टर भी पकड़े हुए थे जिनमें बंदी सिखों की फोटो लगी हुई थी। यह बंदी सिंह आतंक के मामलों में जेलों में बंद हैं, जिनको मुक्त किए जाने की बात की जाती रही है। एक पोस्टर पर लिखा हुआ था, “हमें सिख लाइब्रेरी की राख तक याद है जिसे दरबार साहिब में आर्मी ऑपरेशन के दौरान लूटा और जलाया गया था।” इसमें 1984 के ब्लूस्टार ऑपरेशन को कभी ना भूलने की बात भी लिखी हुई थी।
#WATCH | Amritsar, Punjab: Shiromani Akali Dal (Amritsar) chief Simranjit Singh Mann also seen among the people raising slogans and displaying posters of Jarnail Singh Bhindranwale at the Golden Temple premises, on the 40th anniversary of Operation Blue Star. pic.twitter.com/uiczSnrQHw
— ANI (@ANI) June 6, 2024
ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी के चलते अमृतसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्वर्ण मंदिर के आसपास भी बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को लगाया गया है। अमृतसर में कुछ संगठनों ने ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर बंद की घोषणा की है। यहाँ इस मौके पर खालिस्तानी सांसद अमृतपाल सिंह के माता-पिता के भी पहुँचने के भी कयास हैं।
गौरतलब है कि 6 जून, 1984 को तत्कालीन इंदिरा गाँधी सरकार के आदेश पर सेना ने अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में आतंक विरोधी अभियान चलाया था। इस दिन सेना मंदिर के अंदर घुसी थी और बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराया था। इसी दौरान खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरांवाले को भी मार दिया गया था। इसके बाद से हर साल कई सिख समूह इस दिन ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी मनाते हैं और इस पर रोष प्रकट करते हैं।