हाल ही में संसद में पेश किए गए चालू वित्त वर्ष के बजट में सरकार ने 12 करोड़ किसानों को किसान सम्मान योजना के तहत धन देने के लिए ₹ 75,000 करोड़ का प्रावधान किया है।
पहले ख़बर थी कि तय राशि की पहली किस्त चुनाव घोषणा के साथ किसानों के खाते में आएगी। लेकिन, अब आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र ने इस बात की जानकारी दी है कि सरकार इसी महीने से किसानों के खातों में रुपए भेजना शुरू कर देगी।
सुभाष ने बताया है कि किसान को न्यूनतम आय समर्थन इसी महीने से मिलना शुरू हो जाएगा, क्योंकि लाभार्थियों के आँकड़े सरकार पर पहले से ही तैयार है। बता दें कि जन-धन योजना के तहत खुले खातों की वजह से किसानों के खाते खुलवाने और उनकी जानकारी लेने में भी समय नहीं लगेगा।
साल 2018, 1 दिसंबर से इस योजना को क्रियान्वित करने का फ़ैसला किया गया था। सुभाष ने बताया है कि सरकार द्वारा पिछले साल कृषि गणना 2015-2016 जारी की गई थी। आज अधिकतर राज्य इलेक्ट्रॉनिक तरीके से रिकॉर्ड रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग अब इन्हीं रिकॉर्डों की मदद से उन परिवारों की पहचान करेगी जिन्हें किसान सम्मान योजना का लाभ मिलेगा।
बजट पेश करते हुए कृषि पर अपना ध्यान रखते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कई घोषणाएँ की थी। उन्होंने कहा , “PM किसान योजना के अंतर्गत छोटे किसानों को सीधा उनके आय ₹6000 प्रति वर्ष देने का निर्णय सरकार ने किया है। 100% भारत सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा, 3 किश्तों में भुगतान होगा। इस प्रोग्राम का खर्चा ₹75,000 करोड़ सालाना सरकार भरेगी।”
पीयूष गोयल ने पीएम किसान योजना की घोषणा के साथ बताया कि इसके तहत छोटे किसानों के (2 हेक्टयर तक मालिकाना हक रखने वाले) खाते में हर साल 6 हजार रुपये देने का फैसला किया गया है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहाँ करीब 70% लोगों की आजीविका आज भी कृषि पर निर्भर है। आँकड़ों के मुताबिक़ देश में लगभग 70% किसान हैं। किसान सही मायने में देश के रीढ़ की हड्डी है। कृषि का देश की मौजूदा जीडीपी में लगभग 17% का योगदान है।
सरकार का मुख्य लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करने का है। साथ ही उन्हें कई चीजों मेंं रियायत देने के बारे में भी सरकार विचार कर रही है। रिपोर्ट की मानें तो किसानों को उनकी उपज की सही कीमत नहीं मिल रही है। ज्ञात हो कि पिछले बजट में सरकार ने किसानों को फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की घोषणा की थी। लेकिन, इसे प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा सका।
बता दें कि, बिचौलियों के चलते किसानों को काफ़ी नुकसान उठाना पडता है। तमाम कोशिशों के बावजूद भी उन्हें उनकी मेहनत की पूरी लागत नहीं मिल पाती है। सरकार इसे लेकर गंभीर है। बजट में किसानों के खातों में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर करने की योजना से किसानों को बहुत मदद मिलेगी।
इसके साथ ही आपको बता दें कि किसान सम्मान योजना में मिलने वाली धन राशि पर जेटली ने अपनी बातों में संकेत दिए हैं कि किसानों को मिलने वाली राशि ₹6000 को आने वाले समय में बढ़ाया भी जा सकता है।