पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित जादवपुर यूनिवर्सिटी (Jadavpur University) में छात्र की हुई मौत के मामले में परेशान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। जाँच में पता चला है कि रैंगिंग के दौरान छात्र यौन उत्पीड़न किया गया था और इसके तुरंत बाद उसने छत की कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इस दौरान छात्र नंगा ही एक कमरे से दूसरे कमरे में भाग रहा था। वहीं, यूनिवर्सिटी के वीसी ने कहा कि वे भी रैगिंग के शिकार हुए हैं।
दरअसल, जाँच करने के लिए बनी एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में इन सब बातों का खुलासा किया है। पिछले सप्ताह दिए अपने रिपोर्ट में समिति का कहना है कि साजिश रचकर छात्र के साथ रैगिंग की गई थी। इससे पहले उसे पूरी तरह अलग-थलग कर दिया गया था। हालाँकि, छात्र की मौत को लेकर कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है। इसमें कहा गया है कि छात्र की मृत्यु की दो संभावनाएँ हैं – ‘उकसाने वाली घटना का मामला और हत्या का मामला’।
हिंदुस्तान टाइम्स ने जाँच समिति की रिपोर्ट के आधार पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 9 अगस्त 2023 की रात छत से कूदकर आत्महत्या करने से पहले विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्र स्वप्नदीप कुंडु (Swapandeep Kundu) साथ रैगिंग और यौन उत्पीड़न किया गया था। जाँच से पता चला है कि फ्रेशर पूरी तरह से नग्न अवस्था में था और उत्पीड़न वालों से छिपने की कोशिश में एक कमरे से दूसरे कमरे में भाग रहा था।
अंग्रेजी अखबार एवं ऑनलाइन मीडिया HT ने जाँच रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि सात सदस्यीय समिति ने यह भी कहा है कि प्रथम वर्ष के छात्रों को अक्सर छात्रावास से सटे पुलिस क्वार्टर में रहने वाली महिलाओं पर टिप्पणी और भद्दे इशारे करने के लिए मजबूर किया जाता था। ऐसी ही एक घटना के दौरान 17 साल का मृतक छात्र टूट गया और फूट-फूटकर रोने लगा था। इस दौरान उसने अपने सीनियर छात्र से पेट दर्द का बहाना बनाया तो उसे दवा दे गई।
85 लोगों से पूछताछ के बाद बनाई गई 46 पेज की जाँच रिपोर्ट में कहा गया है, “9 अगस्त की रात लगभग 11.30 बजे छात्रावास में रहने वाले एक लड़के ने जोर से रोने की आवाज सुनी और भागकर दूसरी मंजिल के गलियारे में गया। वहाँ उसने देखा कि पीड़ित पूरी तरह से नग्न था और पहले शौचालय में और फिर कमरा नंबर 65 में घुसने की कोशिश कर रहा था।” इसके पहले, रात 11 बजे एक असेंबली बुलाकर प्रथम वर्ष के छात्रों को इकट्ठा किया गया। इसमें पीड़ित को नहीं बुलाया गया था। इसके बाद उसके साथ भयानक रैंगिंग शुरू की गई।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “जब पीड़ित ने कमरे का दरवाज़ा बंद करने की कोशिश की तो मोहम्मद आरिफ़ और अन्य सीनियर ने धक्का देकर दरवाज़ा खोल दिया और उसे बाहर खींच लिया। इसके बाद उसे पानी की एक बोतल दी गई, जिसमें से उसने थोड़ा सा पीया और फिर बोतल आरिफ पर फेंक दी। यह सब तब हुआ जब पीड़ित दूसरी मंजिल पर कई सीनियर के सामने पूरी तरह नंगा खड़ा था। उस दौरान गलियारा पूरी तरह रौशनी से चमक रहा था। उसे बेहद अपमान का सामना करना पड़ रहा था।”
कई प्रत्यक्षदर्शियों ने घटना के बारे में बताया कि इसके बाद पीड़ित छात्र गलियारे के अंतिम छोर की ओर भागा। उसके पीछे-पीछे मोहम्मद आरिफ भी था। इसके बाद वह लोगों की आँखों से ओझल हो गया। नीचे उसकी लाश थी। अन्य छात्रों का कहना है कि मृतक हँसमुख और मिलनसार था, लेकिन 8 अगस्त 2023 को जब वह ओरिएंटेशन प्रोग्राम में शामिल होने आया तो वह तनाव में और घबराया हुआ था। इस दौरान दो सीनियर द्वारा रोके जाने पर वह खाने का पैकेट लिए बिना ही कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर चला गया।
रिपोर्ट में कहा गया है, “हर रात छात्रावास में रहने वाले प्रथम वर्ष के छात्रों को हॉस्टल के बगल में स्थित पुलिस क्वार्टर में रहने वाली महिलाओं पर अश्लील टिप्पणी और भद्दे इशारे करने के लिए मजबूर किया जाता था। पीड़ित शुरू में ऐसा करने से हिचक रहा था, लेकिन कई बार उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया। ऐसे ही एक समय के बाद ऐसा कराने वाले अपने सीनियर के सामने वह फूट-फूट कर रोने लगा। उसने पेट दर्द की शिकायत की और उसे एंटासिड दिया गया।”
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ‘लगभग 8.20 बजे शाम को उसे डाइनिंग हॉल में पसीना से सराबोर देखा गया। उसने अपने एक साथी से कहा था कि वह बहुत डरा हुआ है, क्योंकि सीनियर उसके कमरे में शराब पी रहे हैं। रैगिंग का अगला सत्र कमरा नंबर 104 में रात 9 बजे के आसपास शुरू हुआ।” इसके बाद यह पूरी घटना हुई। इस मामले में अब तक 13 वर्तमान एवं पूर्व छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें तृतीय वर्ष का मोहम्मद आरिफ भी शामिल है।
मैं भी रैंगिक का शिकार: वीसी
जादवपुर यूनिवर्सिटी के नवनियुक्त कुलपति बुद्धदेव साव ने कहा कि उनके साथ भी रैगिंग हुई है। उन्होंने कहा कि छात्रों को रैंगिंग ना झेलना पड़े, इसके लिए परिसर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालाँकि, कुछ छात्र इसका विरोध कर रहे हैं और इसको लेकर वीसी का घेराव भी किया।
इस पर वीसी ने कहा, “छात्र अन्यायपूर्ण माँग कर रहे हैं। वे लगातार मेरा इस्तीफा माँग रहे हैं। मुझे किसी भी फैसले को लागू नहीं करने दे रहे। इस पूरे गिरोह के पीछे बड़े लोगों का हाथ है। ये गिरोह छात्रों का सर्वनाश कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि छात्रों के अत्याचार को नहीं सह पाने की वजह से यूनिवर्सिटी के डीन को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दरअसल, डीन ने परिसर में अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए थे। डीन ऑफ स्टूडेंट्स की ओर से जारी किए गए नए निर्देशों के मुताबिक, छात्रावास में अब रात 10 बजे के बाद कोई भी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता है, चाहे वह हॉस्टल का छात्र ही क्यों ना हो। रात 10 बजे बंद होने के बाद छात्रावास का गेट सुबह 6 बजे खुलेगा।
अगर किसी छात्र को विशेष परिस्थितियों में बाहर आने-जाने की जरूरत पड़ती है तो उसके लिए छात्रावास के अधीक्षक की अनुमति लेनी पड़ेगी। इसके अलावा, छात्रावास में जो लोग मिलने आएँगे, उन्हें छात्र अपने कमरे में नहीं ले जा पाएँगे। आगंतुक से विजिटर्स रूम में मुलाकात करनी होगी। बाहरी लोगों को अपना परिचय पत्र दिखाना होगा और छात्रावास के रजिस्टर में अपना नाम, पता व मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से लिखना होगा। इन सब दिशा-निर्देशों का छात्र विरोध कर रहे हैं।
बताते चलें कि परिसर में कई तरह की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। जादवपुर यूनिवर्सिटी परिसर में सिर्फ रैंगिग ही नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर मादक पदार्थों के सेवन और तस्करी का खुलासा भी हो चुका है। वहाँ से शराब की सैकड़ों बोतलें बरामद की जा चुकी हैं।