प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए ट्रेनी डॉक्टर की मौसी ने कहा कि पुलिस और प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पूछा, “आखिर क्यों वो हमेशा सबूतों को दबाने के लिए तैयार रहते हैं? क्यों उनके माता-पिता को 3-4 घंटे शव देखने में लगे? क्यों उन्हें सेमिनार हॉल तक में जाने नहीं दिया?”
उन्होंने कहा, “सौ से ज्यादा लोग कमरे में आए-गए लेकिन माता-पिता को अनुमति नहीं मिली अंदर जाने की। एक महीना हो गया है। क्यों उस समय हर चीज को जल्दी-जल्दी निपटाया गया? अगर पुलिस-प्रशासन ही ऐसी हरकत करेंगे तो फिर हम किसके पास जाएँगे?”
Police Tried To Destroy Evidence From Start: #Kolkata Doctor's Parents
— NDTV (@ndtv) September 9, 2024
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मृतिका की मौसी ने कहा कि वो उन जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में हैं जो अपनी साथी के लिए आवाज उठा रहे हैं और इस प्रदर्शन को न्याय मिलने तक जारी रखने की बात कर रह रहे हैं।
वहीं उनके पिता ने कहा, “उस घटना ने हमारा सब कुछ खत्म कर दिया। सिर्फ एक दिन में, हमारी जिंदगी, हमारे सपने सब तबाह हो गए। बस उम्मीद है कि जूनियर डॉक्टरों के जरिए समर्थन मिलेगा जो हमारी बेटी के लिए न्याय माँग रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “कृपया मेरे साथ तब तक आप लोग खड़े रहें जब तक कोई सॉल्यूशन न निकले। हमारा दिल आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों के साथ है। आपकी आवाजें हमें मजबूत करती हैं। आप घटना के बाद बिखर गए थे।”
बता दें कि आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के हत्या के मामले में इससे पहले परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने चुप रहने के लिए पैसे देने का प्रयास किया था। हालाँकि उन्होंने वो पैसे लेने से मना कर दिए। वहीं मृतिका के चाचा ने कहा था कि पुलिस ने उन लोगों से कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाने के प्रयास भी किए थे।