कुवैत में आग की घटना में मरे 45 भारतीयों के पार्थिव शरीर को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विशेष विमान शुक्रवार (14 जून 2024) को भारत पहुँच गया। मृतकों के पार्थिव शरीर को लाने के लिए देश के विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह अधिकारियों के साथ कुवैत पहुँचे थे। इस मामले में कुवैत के अधिकारियों ने इमारत के मालिक एवं गार्ड सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
भारतीय वायुसेना का एक विशेष विमान आज सुबह शवों को लेकर केरल के कोच्चि पहुँचा। वहाँ से यह विमान दिल्ली आया। कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि मृतकों में केरल के 23, तमिलनाडु के सात, उत्तर प्रदेश के तीन, ओडिशा के दो और बिहार, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड और हरियाणा के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
The special IAF aircraft carrying the mortal remains of 45 people deceased in the fire mishap in Kuwait landed at Cochin International Airport.
— All India Radio News (@airnewsalerts) June 14, 2024
Kerala CM @pinarayivijayan, MoS MEA @KVSinghMPGonda, and other ministers pay homage to the mortal remains of the victims of the fire… pic.twitter.com/3SaD7LQtib
इनमें से अधिकांश मृतक कुवैत की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी NBTC में काम करते थे। जिस इमारत में आग लगी, वह भी NBTC की ही थी। मृतकों में इंजनीनियर और अकाउंटेंट भी हैं। वहीं, नलिनाक्षन करीब 12 साल से एनबीटीसी के साथ काम कर रहे हैं और वर्तमान में केरल के व्यवसायी के.जी. अब्राहम की कंपनी में जनसंपर्क अधिकारी हैं। वे इस घटना में घायल हो गए हैं।
विदेश मंत्रालय में राज्यमंत्री का एवं गोंडा के सांसद कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि कागजी कार्रवाई में कम से कम 10 दिन लगते, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के कारण अधिकारियों ने इसे जल्दी से पूरा कर लिया। जब विमान भारत पहुँचा, उस समय केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन भी हवाई अड्डे पर मौजूद थे।
आज विशेष विमान से वापस लौटे मंत्री ने कहा, “मैं अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूँ, क्योंकि उन्होंने हर संभव प्रयास किया और सभी कागजात पूरे करने में पूरा सहयोग किया। इसके कारण इन शवों की पहचान इतने कम समय में हो गई। सामान्य तौर पर इसमें एक सप्ताह या कम से कम दस दिन लग सकते थे। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर अधिकारी इस काम में बहुत तत्पर थे।”
इस मामले में कुवैत के अधिकारियों ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है। गिरफ़्तार किए गए लोगों में छह मंज़िला इमारत का मालिक है, जो कथित तौर पर एक कुवैती नागरिक है। इसके अलावा इमारत के सुरक्षा गार्ड और कंपनी अधिकारी शामिल हैं। ये दोनों आप्रावासी हैं। बताया जा रहा है कि ये फिलिपींस के रहने वाले हैं। इस घटना में फिलिपींस के भी तीन लोग मारे गए हैं।
शुरुआती जाँच में सामने आया है कि सुरक्षा गार्ड को ग्राउंड फ़्लोर पर तैनात था। आग लगने के बाद गार्ड एवं इमारत के अधिकारियों ने लिफ्ट बंद कर दिया, जिससे ऊपरी मंजिलों के लोग नीचे भागे, लेकिन सीढ़ियों पर धुआँ भर जाने के कारण कई लोग ने छत की ओर भागे। वहाँ छत पर जाने के दरवाजे में ताला लगा हुआ था। ऐसी स्थिति में कुछ लोग बालकनी से कूद गए।
कहा जा रहा है ज्यादातर मौत आग में जलने के बाद धुएँ से दम घुटने के कारण हुई है। कहा जा रहा है कि इस मकान में अनुमति से अधिक लोगों को इमारत के मालिक द्वारा रखा गया था। वहीं, इस घटना के बाद UAE में भारत के व्यवसायी और लुलु कंपनी के मालिक एमए यूसुफ अली ने मृतक परिवारों को लगभग 5 लाख रुपए देने की घोषणा की है। ये राशि केरल के मुख्यमंत्री के माध्यम से दी जाएगी।
बता दें कि बुधवार (12 जून 2024) को अल मंगाफ शहर में छह मंजिला (कुछ रिपोर्ट में सात मंजिला) इमारत में भीषण आग लग गई। इसमें 49 लोगों की मौत हो गई। दूतावास ने कहा कि इस आवास में 176 भारतीय श्रमिकों में से 45 की मौत हो गई और 33 अस्पताल में भर्ती हैं। बाकी कथित तौर पर सुरक्षित हैं।