बिहार के दरभंगा में भूमाफिया ने आबादी के बीच स्थित तालाब पर न सिर्फ कब्जा कर लिया, बल्कि रातों-रात तालाब को ही गायब कर दिया। सुबह लोगों को तालाब की जगह एक झोपड़ी नजर आई। ऐसा तालाब पर कब्जे की नीयत से किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की कोशिश पहले भी हुई थी, तब भूमाफिया के उपकरण जब्त कर लिए गए थे। हालाँकि, इस बार रातों-रात इस काम को अंजाम दे दिया गया।
मामला दरभंगा के विश्वविद्यालय थाना इलाके के वार्ड नंबर चार का है। यहाँ के नीम पोखर इलाके में भूमाफिया ने एक तालाब को गायब कर दिया। उसने तालाब में मिट्टी भरवा दी और अपना कब्जा दिखाने के लिए तालाब के ऊपर एक झोपड़ी भी बना लिया। इस बात की सूचना स्थानीय लोगों ने एसडीपीओ को दी, तब जाकर प्रशासनिक अमले की आँख खुली।
हालाँकि, दरभंगा सदर के एसडीपीओ अमित कुमार जब तक पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचे, उसे पहले ही भूमाफिया फरार हो चुके थे। इस दौरान अमित कुमार ने स्थानीय लोगों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने बताया है कि ये तालाब सरकारी रिकॉर्ड में है। इसका बाकायदा पट्टा भी होता रहा है, जिसमें मछली पालन होता था।
स्थानीय लोगों ने बताया कि शहर की अहम जगह पर स्थित इस तालाब पर भूमाफिया की बहुत पहले नजर थी। उन्होंने पहले तालाब का पानी निकाला और उसके बाद दर्जनों ट्रैक्टर लगाकर उसमें मिट्टी भरवाने लगे। तालाब में मिट्टी डालने की जब शुरुआत हुई थी तो लोगों ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी थी। इसके बाद लगभग एक सप्ताह पहले प्रशासन ने आकर कुछ सामान जब्त किया था।
लगभग 12 बीघे में फैले इस तालाब को लेकर स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि सामान जब्त करने के बाद भूमाफिया ने प्रशासनिक अधिकारियों को मैनेज कर लिया। इसके बाद प्रशासन ने इसे नजरअंदाज करना शुरू कर दिया। इस बीच भूमाफिया के हौसले बुलंद हो गए और उन्होंने रातों-रात तालाब को ही गायब कर दिया।
बता दें कि दरभंगा में जमीन की कीमतों बढ़ोत्तरी के बाद सरकारी जमीनों पर भूमाफियाओं की नजर टिक गई है। इसका परिणाम यह हुआ कि दरभंगा शहर से धीरे-धीरे तालाब गायब हो गए। साल 1964 में प्रकाशित गजेटियर में दर्ज है कि उस वक्त तक दरभंगा में 350 से ज्यादा तालाब थे। साल 1989 आते-आते 213 तालाब बच गए। इसका पता शहर के तालाबों के सर्वे के दौरान हुआ।
साल 2021 में दरभंगा नगर निगम की सूची में सिर्फ 119 तालाब रह गए थे, जो साल 2023 में सिर्फ 84 रह गई हैं। अकेले कोरोना के दौरान ही भूमाफियाओं ने 25 से अधिक तालाब पर कब्जा करके उसे गायब कर दिया। दरभंगा के सोनकी थाना के सामने मौजूद तालाब करीब 10 बीघे में फैला था, जो बाद में मात्र 7 से 8 बीघे का रह गया है। इसमें लोगों ने मिट्टी भर कर दुकानें खड़ी कर ली हैं।