Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजमुझे केवल मस्जिद चाहिए, पूजा स्थल ध्वस्त करने वाले हिन्दुओं को जमीन देकर पुरस्कृत...

मुझे केवल मस्जिद चाहिए, पूजा स्थल ध्वस्त करने वाले हिन्दुओं को जमीन देकर पुरस्कृत किया: वामपंथन संजुक्ता बसु

"मैं एक हिन्दू हूँ, मुझे केवल बाबरी मस्जिद चाहिए। ऐसा नहीं होने से यह संदेश जाएगा कि हम भीड़ और आतंकवाद के आगे घुटने टेक देते हैं। न्याय की परवाह नहीं करते हैं।"

करीब 500 साल पुराना अयोध्या विवाद सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से समाप्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट की पॉंच जजों की पीठ ने 1045 पन्नों के अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला को सौंप दी है। साथ ही मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश भी सरकार को दिया है।

लेकिन, एक वर्ग को यह ऐतिहासिक फ़ैसला नहीं भा रहा। इनमें एक एक नाम वामपंथी मीडिया स्तंभकार, TEDx स्पीकर और फैलो, संजुक्ता बसु का भी है। उसने ट्वीट किया है, “मैं एक हिन्दू हूँ और मुझे केवल और केवल मस्जिद चाहिए। मुझे शर्म आती है और खेद है कि मेरे साथी हिन्दुओं ने एक पूजा स्थल को ध्वस्त कर दिया और उन्हें सज़ा देने की बजाय पूरी भूमि देकर पुरस्कृत किया गया। मैं दुखी हूँ और शर्मिंदा हूँ कि हम अपने लिए कैसा भविष्य बना रहे हैं।”

अपने एक अन्य ट्वीट में संजुक्ता ने लिखा है कि आज भारतीय मुस्लिम राजनीतिक तौर पर अनाथ हो गए हैं। एक भी ऐसा नेता नहीं है, जिसने अयोध्या फ़ैसले पर अल्पसंख्यकों के अधिकार की बात की हो। किसी में इतनी हिम्मत नहीं है कि कोई सरकार से पूछ सके कि पाँच एकड़ ज़मीन कब और कहाँ मिलेगी?

ऐसे वक्त में जब ज्यादतर तबकों से इस फैसले का स्वागत हो रहा है संजुक्ता बसु की यह टिप्पणी सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करने जैसा है।

सोशल मीडिया पर ऐसी ही भड़काऊ टिप्पणी @amitbehere यूज़र ने भी की, इसमें उन्होंने लिखा, “मैं एक हिन्दू हूँ, मुझे केवल और केवल बाबरी मस्जिद चाहिए। ऐसा नहीं होने से पता चलता है कि हम न्याय की परवाह नहीं करते।”

आतंकवाद के आगे नतमस्तक होने की बात करने वाले लोगों में केवल @amitbehere ही नहीं शामिल हैं, बल्कि पूर्वा अग्रवाल भी शामिल हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “मैं एक हिन्दू हूँ, मुझे केवल बाबरी मस्जिद चाहिए। ऐसा नहीं होने से यह संदेश जाएगा कि हम भीड़ और आतंकवाद के आगे घुटने टेक देते हैं। न्याय की परवाह नहीं करते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -