देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में सोने और लिथियम (Lithium) जैसे रेयर मेटल (Rare Metal) का भंडार मिला है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने गुरुवार (9 फरवरी 2023) को इसकी जानकारी दी। इससे चीन जैसे देशों पर भारत की निर्भरता खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही भारत से निर्यात भी कर सकेगा।
खनन मंत्रालय के मुताबिक, “भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 59 लाख टन लिथियम का पता लगाया है।” लिथियम का इस्तेमाल मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा, सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्बेल बैट्री में किया जाता है।
इसके अलावा, इसका उपयोग खिलौनों और घड़ियों को बनाने के लिए भी किया जाता है। वर्तमान में भारत लिथियम, निकेल और कोबाल्ट जैसे कई रेयर मेटल के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है। अब जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार का पता लगने के बाद भारत की दूसरे देशों से आयात पर निर्भरता कम हो जाएगी।
For first time in India; lithium reserves found in J&K’s Reasi https://t.co/mzpW35uzwA
— Jammu-Kashmir Now (@JammuKashmirNow) February 10, 2023
माइंस सेक्रेटरी विवेक भारद्वाज ने कहा, “देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार की खोज की गई है। मोबाइल फोन से लेकर सोलर पैनल और महत्वपूर्ण खनिजों की हर जगह आवश्यकता होती है। आत्मनिर्भर बनने के लिए देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाना और उन्हें संसाधित करना बहुत जरूरी है। यदि सोने का आयात कम किया जाता है तो हम आत्मनिर्भर बन जाएँगे।”
खनन मंत्रालय के अनुसार, लिथियम और सोने सहित 51 खनिज ब्लॉक पर एक रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी गई हैं। इन 51 खनिज ब्लॉकों में से 5 ब्लॉक सोने से संबंधित हैं। ये ब्लॉक जम्मू-कश्मीर (केंद्र शासित), आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक जैसे 11 राज्यों में फैले हैं। ये पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल आदि जैसी वस्तुओं से संबंधित हैं।
Shri. Vivek Bharadwaj, IAS, Secretary, @MinesMinIndia handed over 16 geological reports (G2 & G3 stage) & 35 Geological memorandums to state governments during the 62nd Central Geological Programming Board (CGPB) meeting held today. pic.twitter.com/oZiQUQtc3w
— Ministry Of Mines (@MinesMinIndia) February 9, 2023
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने फील्ड सीजन 2018-19 से अब तक के कामों के आधार पर ये ब्लॉक तैयार किए थे। इनके अलावा, 7897 मिलियन टन के कुल संसाधन वाले कोयला और लिग्नाइट की 17 रिपोर्टें भी कोयला मंत्रालय को सौंपी गईं।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने रणनीतिक और महत्वपूर्ण खनिजों पर 115 परियोजनाएँ और उर्वरक खनिजों पर 16 परियोजनाएँ स्थापित की हैं। 62वीं केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPB) की बैठक के दौरान लिथियम और गोल्ड सहित 51 खनिज ब्लॉकों पर एक रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी गई है।
बता दें कि चीन (China) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) दुनिया में लिथियम के सबसे बड़े सप्लायर हैं। इसके चलते भारत समेत कई देशों को उन पर निर्भर रहना पड़ता है। ये देश इस कारण से मनमानी भी करते हैं। हालाँकि, अब भारत में भी लिथियम के भंडार का पता चलने के बाद इन देशों पर निर्भरता कम होगी।