नवरात्रि में हर कोई माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करता है। देश भर में माँ दुर्गा की लाखों प्रतिमाएँ स्थापित की जाती हैं। हालाँकि, इस वर्ष पश्चिम बंगाल में माँ दुर्गा की प्रतिमाएँ विवादों के घेरे में रहीं हैं। यहाँ ‘वेटिकन सिटी’ के रूप में दुर्गा पंडाल को दिखाने के बाद अब माँ दुर्गा को सेक्स वर्कर के रूप में दिखाया गया है।
West Bengal | Durga Puja pandal of Nawpara Dadabhai Sangh Puja Committee in Kolkata comes up with a unique theme ‘Parichai’ (Identity). This pandal depicts the life of sex workers, the kind of society they live in and the way society looks at them. pic.twitter.com/F7GcxyD3k0
— ANI (@ANI) September 26, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोलकाता में नवापारा दादाभाई संघ पूजा समिति द्वारा माँ दुर्गा व यहाँ के पंडाल को सेक्स वर्कर के रूप में प्रदर्शित किया गया है। इस पंडाल का उद्घाटन तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेता शत्रुघन सिन्हा, सौगत रॉय और मदन मित्रा जैसे नेताओं ने किया है।
इस पंडाल का उद्घाटन करने के बाद शत्रुघन सिन्हा ने कहा है, “यह माँ दुर्गा का वरदान है। पूरा पश्चिम बंगाल त्यौहार के रंगों में सराबोर है। मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं इस पंडाल का उद्घाटन कर रहा हूँ। मैं सौगत (रॉय) जी और ममता जी का आभारी हूँ।”
इस पंडाल की मूर्तियों को सिलिकॉन से बनाया गया है। कहा जा रहा है कि कोलकाता शहर में ऐसा पहली बार हुआ है जब माँ दुर्गा की मूर्तियों को सिलिकॉन से बनाया गया हो।
माँ दुर्गा को सेक्स वर्कर के रूप में दिखाने वाले इस पंडाल के कॉन्सेप्ट और थीम डिजाइनर संदीप मुखर्जी का कहना है, “वेश्यावृत्ति एक पेशा है। क्या यह आम लोगों के लिए एक पेशा है? हम कह सकते हैं हम किस पेशे में हैं। लेकिन क्या वे (सेक्स वर्कर) कह सकते हैं? क्योंकि हम उन्हें अलग दृष्टीकोण से देखते हैं। हमें इस दृष्टिकोण को बदलना चाहिए। हमारा प्रोजेक्ट समाज में बदलाव लाने के लिए है।”
संदीप मुखर्जी ने यह भी कहा, “सेक्स वर्कर जो करते हैं उसके कारण उन्हें हम घेर लेते हैं। हम उन्हें समाज में प्रवेश नहीं करने देते। जब सेक्स वर्कर भी अपना काम कर रहे हैं तो वे समाज में क्यों नहीं आ सकते? हमने मूर्ति में माँ के ऐसे परिवेश को जोड़ा है जो सेक्स वर्कर को दर्शाता है।”
बता दें, इससे पहले कोलकाता में ही श्रीभूमि दुर्गा पूजा पंडाल को ‘वेटिकन सिटी’ के थीम के अनुसार रखा था। इस पंडाल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आयीं थीं। पूरे पंडाल को बिलकुल उसी ढंग में बनाया गया है, जैसे ‘वैटिकन सिटी’ है। बाहर से ये किसी चर्च जैसा लग रहा है। अंदर जीसस की तस्वीरें, मदर मेरी की फोटो लगी हुई है। बीच में दुर्गा माँ की मूर्ति लगाई गई है। इस पंडाल की तस्वीरें सामने आने के बाद लोगों ने नाराजगी जताई थी। लोग पूछ रहे थे कि आखिर दुर्गा पंडाल को इस तरह सजाने का क्या अर्थ है? क्या कभी वेटिकन में क्रिसमस का त्योहार दुर्गा पूजा थीम पर मनाया जाता है?