Tuesday, November 19, 2024
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हिन्दुओं का मजाक उड़ाने वाले कॉन्ग्रेसी ट्रोल की गिरफ़्तारी पर कमलनाथ सरकार का विलाप शुरू

अभिषेक मिश्रा कोई 'मध्य प्रदेश का नागरिक' भर ही नहीं है बल्कि उसके पसंदीदा कार्यों में मोदी के ख़िलाफ़ झूठी, घृणास्पद और अफ़वाहें फैलाना सर्वोपरि है। साथ ही अपनी सोशल मीडिया और फ़र्ज़ी ख़बरों की वेबसाइट से हिन्दुओं के धार्मिक चिह्नों और परम्पराओं का उपहास करने में वो बहुत आगे रहता है।

अपने ब्लॉग और फ़ेसबुक पोस्ट्स के ज़रिए हिन्दुओं की भावनाओं का मज़ाक उड़ाने वाला अभिषेक मिश्रा दिल्ली पुलिस की साइबर सेल द्वारा हिरासत में ले लिया गया। इस ख़बर पर मध्य प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया आई है कि दिल्ली पुलिस को ‘मध्य प्रदेश के नागरिक’ को गिरफ़्तार करने से पहले वहाँ की पुलिस को जानकारी देनी चाहिए थी।

बात यह है कि अभिषेक मिश्रा कोई ‘मध्य प्रदेश का नागरिक’ भर ही नहीं है बल्कि उसके पसंदीदा कार्यों में मोदी के ख़िलाफ़ झूठी, घृणास्पद और अफ़वाहें फैलाना सर्वोपरि है। साथ ही अपनी सोशल मीडिया और फ़र्ज़ी ख़बरों की वेबसाइट से हिन्दुओं के बारे में, उनके धार्मिक चिह्नों और परम्पराओं का उपहास करने में वो बहुत आगे रहता है।

ये सारे कारण मध्य प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार के लिए बिना पैसे के काम करने वाले इस कार्यकर्ता को बचाने के लिए काफ़ी हैं। यही कारण है कि वो अब ‘नागरिक’ और क़ानून कहते हुए हल्ला मचा रहे हैं। ध्यान रहे ये वही पार्टी है जो शिव भक्त, राम भक्त और जनेऊधारी बनकर अपने हिन्दू होने के लिए गोत्र तक बताते घूम रही थी।

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस के विशेष साइबर सेल ने अभिषेक मिश्रा को मध्य प्रदेश में उसके घर से मंगलवार की रात को गिरफ़्तार किया। अभिषेक मिश्रा एक स्वयंभू YouTuber है जो पहले आम आदमी पार्टी के समर्थक था और कॉन्ग्रेस के प्रति अपनी वफ़ादारी को बदलने से पहले अरविंद केजरीवाल के साथ अपनी तस्वीरें क्लिक करता था। फिर उसके बाद वो दिग्विजय सिंह, राहुल गाँधी और प्रियंका चतुर्वेदी जैसे कई कॉन्ग्रेसी नेताओं के साथ अपनी तस्वीरें क्लिक करता था।

मिश्रा एक वेबसाइट ‘viralinIndia.net’ चलाता है, जहाँ वो इस्लाम समर्थक प्रचार और फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने का काम करता है। इसके अलावा वेबसाइट पर ट्रैफ़िक प्राप्त करने के लिए clickbait-y सुर्खियों के साथ-साथ अन्य कई अश्लील लेख भी अपलोड किए गए हैं। इसके अलावा इस वेबसाइट पर अविश्वसनीय ख़बरों को भी अपलोड किया जाता था, जैसे बिहार में एक मुर्गी द्वारा दो पिल्लों को जन्म देने जैसी बकवास ख़बरों का भी उल्लेख होता था।

आपको बता दें कि मिश्रा का प्रचार सिर्फ़ वेबसाइट तक ही सीमित नहीं था। इसके अलावा वो विभिन्न फेसबुक पेज तैयार करता है जिन्हें वो नियमित तौर पर फ़ेक न्यूज़ के रूप में शेयर भी करता है। शेयर करने के लिए वो ऐसे राजनेताओं का चयन करता है जिन्हें वो दोषी ठहरा सके और ऐसी शख़्सियतें चर्चा का विषय बन जाती हैं क्योंकि वो मोदी विरोधी होती हैं।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान, मिश्रा ने ‘viralinIndia.net’ को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था क्योंकि उस समय यह टीम ‘चुनावों को कवर करने’ में व्यस्त थी। चुनाव समाप्त होते ही, मिश्रा फिर से अपनी फ़ेक न्यूज़ की वेबसाइट चलाने लगे। इतना ही नहीं प्रियंका चोपड़ा-निक जोन्स की शादी के रिसेप्शन से चोरी हुई घड़ी के लिए प्रधानमंत्री मोदी को प्रमुख संदिग्ध होने का दावा किया था।

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब मिश्रा को क़ानूनी दायरे में लाना पड़ा हो। इससे पहले नवंबर 2016 में मिश्रा को मध्य प्रदेश पुलिस ने शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी पर हमले के आरोप में गिरफ़्तार किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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