महाकाल की नगरी उज्जैन में ‘पैगाम ए इंसानियत’ सोसायटी की तरफ से एक निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जा रही थी। प्रतिभागियों को हजरत मोहम्मद पर निबंध लिखना था। लेकिन इस प्रतियोगिता में सिर्फ गैर मुस्लिम ही हिस्सा ले सकते थे। प्रतियोगिता के बारे में जानकारी होते ही हिन्दू संगठनों ने इस पर रोक लगाने की माँग शुरू कर दी।
हिंदुत्ववादी संगठनों का कहना है कि प्रतियोगिता के माध्यम से हिंदुओं का धर्मांतरण कराने की योजना बनाई जा रही थी। प्रतियोगिता में गैर-मुस्लिमों को शामिल होना था, अर्थात उनका टारगेट हिंदू थे, जिन्हें पैगंबर मोहम्मद पर जीवनी लिखनी थी। इसके लिए आयोजकों द्वारा रजिस्ट्रेशन के बाद एक किताब उपलब्ध करवाई जा रही थी। किताब पैगंबर मोहम्मद की जीवनी पर आधारित थी।
स्थानीय बजरंग दल के नेता पिंटू कौशल ने ‘अमर उजाला’ को जानकारी दी कि प्रतियोगिता के नाम पर यह लोग मोहम्मद साहब की जीवनी पढ़ाकर लोगों को धर्मांतरण की ओर ले जाने की कोशिश कर रहे थे। इतना ही नहीं, प्रतियोगिता में ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल करने के लिए 21 हजार रुपए से लेकर 500 रुपए तक नकद पुरस्कार भी रखे गए थे। सभी के लिए प्रोत्साहन पुरस्कार की व्यवस्था थी।
प्रतियोगिता को लेकर हिंदू संगठनों ने राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से शिकायत कर इस पर रोक लगाने की माँग की। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी मामले पर संज्ञान लिया और उज्जैन के एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल को प्रतियोगिता स्थगित करने के निर्देश दिए।
उज्जैन में “पैगाम ए इंसानियत सोसाइटी” द्वारा पैगंबर हजरत मोहम्मद पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता को स्थगित कराने के लिए उज्जैन एसपी को निर्देश दिए गए हैं। pic.twitter.com/hPKC90mdy4
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) December 13, 2022
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आयोजकों से प्रतियोगिता स्थगित करने के निर्देश दिए। जिसके बाद आयोजक ‘पैगाम-ए-इंसानियत’ संगठन ने तत्काल इस प्रतियोगिता को स्थगित कर दिया। प्रतियोगिता के आयोजकों में शामिल सैयद नासिर ने बताया कि हर जाति व मजहब के लोगों को हजरत मोहम्मद के बारे में बताने के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा था। आपत्ति के बाद इसे स्थगित कर दिया गया है और इसकी सूचना सार्वजनिक कर दी गई है।