‘जय श्री राम’ नहीं, क्रिकेट की वजह से हुई बच्चों में लड़ाई: इमाम अहमद मिस्बाही ने फैलाया झूठ

नहीं लगवाए गए मदरसे के बच्चों से ‘जय श्रीराम’ के नारे

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में क्रिकेट मैच को लेकर मदरसा दारुल उलूम फैज ए आम के छात्रों और कुछ स्थानीय युवकों के बीच आपसी झड़प हुई और बात मारपीट तक पहुँच गई। इस मारपीट के बाद छात्र मदरसा पहुँचे और उन्होंने शहर काजी निसार अहमद मिस्बाही को मामले की जानकारी दी। इसके बाद निसार अहमद मिस्बाही ने आरोप लगाते हुए कहा कि मदरसे के बच्चों से जबरदस्ती ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाए जा रहे थे और इसका विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की गई है। निसार अहमद ने इस मारपीट को मॉब लिंचिंग से जोड़ने की कोशिश भी की।

मीडिया द्वारा भी इस खबर को यह कहते हुए प्रकाशित किया गया कि बच्चों से ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाए गए। द क्विंट ने इस घटना पर लिखा है- “उत्तर प्रदेश के उन्नाव में मदरसे के बच्चों को ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया। जब बच्चों ने नारे लगाने से इनकार किया तो उनके साथ मारपीट की गई, उनके कपड़े फाड़ दिए गए और साइकिलें तोड़ दी गईं।”

साथ ही, उन्नाव में जामा मस्जिद के इमाम का आरोप लगाया था कि इस घटना में हिंदूवादी संगठन बजरंग दल के लोग शामिल थे।

हालाँकि पुलिस द्वारा इस मामले की जाँच के बाद स्पष्ट हुआ है कि मजहबी नारे लगवाने के लिए मजबूर करने वाली बात एकदम मनगढंत और झूठी थी।

ADG (कानून-व्यस्था) उन्नाव ने क्रिकेट खेलने को लेकर दो पक्षों में हुई मारपीट की घटना को लेकर बताया कि इस मामले की जाँच में पता चला है कि मदरसे के बच्चों से धार्मिक नारे नहीं लगवाए गए थे। ऐसे झूठे आरोप लगाकर मेरठ और आगरा में भी शांति भंग करने का प्रयास किया गया, लेकिन जिला और पुलिस प्रशासन के चलते यह नाकाम हो गया।

पुलिस का कहना है कि प्रदेश में कहीं भी अफवाह और शांति भंग करने का प्रयास किया जाएगा तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना को लेकर लोकभवन में ADG LO, IG LO और प्रमुख सचिव सूचना की प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि उन्नाव में क्रिकेट खेलने के चलते विवाद हुआ और क्रिकेट की वजह से ही बच्चों में झगड़ा हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों से कोई भी धार्मिक/मजहबी नारे नहीं लगवाए गए। अधिकारियों ने बताया कि उन्नाव, मेरठ और आगरा में असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है और बिना भेदभाव के लोगों पर कार्रवाई की गई है।

इमाम ने दिया घटना को सांप्रदायिक रंग

उन्नाव के जामा मस्जिद के इमाम निसार अहमद मिस्बाही ने इस घटना को लेकर मनगढंत आरोप लगाते हुए इसे सांप्रदायिक रंग देते हुए भड़काऊ बयान दिया था। इमाम ने कहा, “…आम तौर पर खेलने कहीं न कहीं जाते हैं। गुरुवार 2 बजे नमाज पढ़के हमारे 10-12 बच्चे छोटे-छोटे किसी की 12 साल, 13 साल, 14 साल उम्र है, जीआईसी ग्राउंड रेलवे के पास क्रिकेट खेल रहे थे। चार लड़के आए बड़े-बड़े और… एक्शन क्या है हमारा, अभी तो कोतवाल साहब हमारे आ गए हैं, चौकी इंचार्ज हैं आपके सामने, जो कानूनी प्रक्रिया है, वो की जा रही है, FIR की जा रही है। लेकिन चूँकि प्रशासन को हमने नाम और चेहरे सब सौंप दिए हैं, तीन आदमी की शिनाख्त कर दी है चार में से। कल हमारा जुमा है, अगर जुमा तक गिरफ्तारी नहीं हुई तो फिर हम बहुत… जो एक्शन कहीं भी नहीं हुआ होगा, वो होगा। चूँकि उन्नाव में अमन-शांति बनाने के लिए पूरी कोशिश की गई, और हमारे जिले में प्रशासन ने और हमारे यहाँ की पब्लिक ने ऐसा नहीं होने दिया। इसीलिए चार आदमी ने खराब किया है, अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि ये माहौल न बिगड़ने दे वरना जुमा है, कुछ भी हो सकता है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया