महाराष्ट्र में शराब कारोबारियों के साथ ही शराब पीने वालों के लिए भी राहत वाली खबर है। महाराष्ट्र सरकार ड्राइ डे की संख्या घटाने पर विचार कर रही है। दरअसल, शराब के कारोबार को आसान करने के लिए 30 जून 2018 को विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय समिति बनाई गई थी। इस समिति ने अब अपनी रिपोर्ट सरकार को दे दी है। समिति ने इस रिपोर्ट में 70 अलग-अलग बिंदुओं पर सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपी हैं। इसमें ड्राइ डे पर कई सवाल भी उठाए गए हैं।
बदल रहा है महाराष्ट्र- ड्राइ डे कम करने के मूड में सरकारhttps://t.co/29JkmnfNl1 via @NavbharatTimes#Maharashtra pic.twitter.com/gW5A5H3Vfu
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) June 1, 2019
जानकारी के मुताबिक, समिति ने अपनी रिपोर्ट में ड्राइ-डे को प्रभावहीन माना है। समिति का मानना है कि ड्राइ-डे पर शराब पीने वाले अपने लिए किसी भी तरह से शराब की व्यवस्था कर लेते हैं। ऐसे में अवैध रूप से शराब की बिक्री का कारोबार पनपता है। वहीं, अवैध शराब बिकने से राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान होता है। इसके साथ ही ड्राइ डे वाले दिन भी बड़े होटलों और क्लबों में शराब दी जाती है। ऐसे में तो यही सही होगा कि ड्राइ डे की संख्या घटा दी जाए।
महाराष्ट्र में साल भर में 9 दिन ड्राइ डे होते हैं, इस दौरान शराब की दुकानें और बार वगैरह बंद रहते हैं। इसके अलावा मतदान और मतगणना वाले दिन भी संबंधित क्षेत्र में ड्राइ डे घोषित कर दिया जाता है। इस ड्राइ डे को लेकर समिति का कहना है कि इस दिन शराब की दुकानें बंद रहने से मध्यम वर्ग के लोग इसके सेवन से वंचित रह जाते हैं, जबकि बड़े लोग तो इस दिस भी शराब का सेवन आसानी से करते हैं, क्योंकि ड्राइ डे वाले दिन भी बड़े-बड़े होटलों में शराब परोसी जाती है। ऐसे में लोगों के साथ भेद-भाव होता है। इसलिए इसकी संख्या कम कर देनी चाहिए। इसके साथ ही समिति ने मतदान व मतगणना वाले दिन उसकी अवधि खत्म हो जाने के बाद ड्राइ डे खत्म करने का सुझाव दिया है।