राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार (05 अगस्त 2021) को यह सूचना दी कि तमिलनाडु के तंजावुर में साल 2019 में हुई रामलिंगम की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता रहमान सादिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। रामलिंगम ने इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ‘दावा’ कार्यक्रम का विरोध किया था जिसके बाद 05 फरवरी 2019 को उसकी हत्या कर दी गई थी।
ज्ञात हो कि रामलिंगम ने PFI के नेताओं के द्वारा किए जा रहे कार्य का विरोध किया था। इसके अंतर्गत PFI के नेता हिन्दुओं का इस्लाम में धर्मांतरण करा रहे थे। NIA ने बताया कि रामलिंगम ने एक आरोपित मोहम्मद फारुक के सिर से ताक़िया हटाकर उसके माथे पर तिरुनीर लगाकर यह जताने की कोशिश की कि सभी धर्म समान हैं। रामलिंगम की इस कोशिश का बदला लेने और लोगों के मन में खौफ पैदा करने के उद्देश्य से रहमान सादिक ने रामलिंगम की हत्या की साजिश रची।
इस मामले में 06 फरवरी 2019 को ही केस दर्ज कर लिया गया था। NIA के प्रवक्ता ने बताया कि बाद में NIA ने मामले को अपने हाथ में लिया और 07 मार्च 2019 को NIA के द्वारा दोबारा केस दर्ज किया गया। मामले की जाँच में यह सामने आया कि सादिक तंजावुर में PFI के दावा कार्य का एडमिनिस्ट्रेटर था। उसने अन्य आरोपितों के साथ मिलकर थिरुभुवनम में रामलिंगम की हत्या की साजिश रची।
NIA ने बताया कि सादिक और उसके अन्य साथियों ने हत्या के लिए हथियार, वाहन और छुपने के लिए जगह का पूरा बंदोबस्त किया। NIA ने 02 अगस्त 2019 को चार्जशीट दायर की जिसमें 18 लोगों को आरोपित बनाया गया जो PFI और SDPI से जुड़े हुए थे। सादिक, पूरी साजिश को अंजाम देने के बाद फरार हो गया था और तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कई स्थानों में पिछले 2 सालों से छुपा हुआ था। सादिक पर ऐसे कार्यों के लिए कट्टरपंथियों की भर्ती करने का आरोप भी है।
ज्ञात हो कि 05 फरवरी 2019 को तंजावुर के निवासी रामलिंगम की इस्लामिक संगठनों PFI और SDPI के सदस्यों के द्वारा हत्या कर दी गई थी। हत्या करने से पहले रामलिंगम के हाथ काट दिए गए थे। NIA की चार्जशीट में बताया गया था कि इन संगठनों के ‘मजहबी कार्यों में बाधा डालने’ के कारण रामलिंगम को रास्ते से हटाया गया था।