बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में बसे बगहा में शनिवार (8 अक्टूबर 2022) को शूटर्स ने एक आदमखोर बाघ को मार गिराया। इस बाघ ने बीते 9 महीनों में 10 लोगों पर हमला किया था, जिसमें से 9 लोगों की मौत हो गई थी। आदमखोर बाघ के डर से स्थानीय लोग अपने घर से निकलने में कतरा रहे थे। शनिवार (8 अक्टूबर) सुबह भी बाघ ने माँ-बेटे को अपना शिकार बनाया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) के इस आदमखोर बाघ की तलाश बीते 26 दिनों से की जा रही थी। चूँकि, यह बाघ लोगों पर लगातार हमले किए जा रहा था इसलिए शुक्रवार को इसे मारने के आदेश जारी किए गए थे।
The ‘man-eating’ tiger who killed nine people in Bagaha in the West Champaran district of Bihar, has been killed. pic.twitter.com/nwaWtKH41n
— ANI (@ANI) October 8, 2022
इसके बाद से इसकी सर्चिंग तेज कर दी गई थी। कई स्थानों पर बाघ के पैरों के निशान मिल रहे थे। जिसके बाद एक्सपर्ट टीम की पुष्टि के बाद उसका पीछा किया जा रहा था। बाद में, एक्सपर्ट ने शूटर्स की टीम को बाघ के पैरों के हिसाब से बताया कि वह गन्ने के खेत मे छिपा हुआ है।
जानकारी मिलने पर, इस खेत के चारों ओर जाल फैलाकर घेराबंदी की गई। और फिर, शूटर्स की टीम हाथी पर सवार होकर गन्ने के खेत में पहुँची। जहाँ, शूटर्स की नजर बाघ पर पड़ी और शूटर्स ने बाघ को 4 गोलियाँ मारी। इनमें से दो गोली उसे लगी और बाघ ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
इस आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए हैदराबाद से खास टीम भी बुलाई गई थी। इस टीम में एक्सपर्ट के साथ डॉक्टर भी बाघ को पकड़ने में लगे हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार, बाघ को पकड़ने के लिए 60 फॉरेस्ट गार्ड, पाँच वैन, चार बड़े जाल, दो ट्रैंकुलाइजर गन, दो ट्रैक्टर, 40 सीसीटीवी कैमरे और एक ड्रोन कैमरा लगाया गया था।
बाघ के बढ़ते आतंक और आदमखोर होने के चलते गत 13 सितंबर को इसे पकड़ने के आदेश जारी किए गए थे। हालाँकि, वन विभाग की टीम के लगातार प्रयास के बाद भी यह बाघ पकड़ा नहीं जा सका था। इस दौरान, 5-6 अक्टूबर को दो दिन में ही बाघ ने दो लोगों को अपना शिकार बनाया था। इसके बाद 7 अक्टूबर को उसे मारने का आदेश जारी किया गया था।