मणिपुर वीडियो काण्ड की जाँच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CBI को सौंप दी। 3 महिलाओं को नग्न परेड कराए जाने और उनका गैंगरेप किए जाने के इस मामले की जाँच अब ‘केंद्रीय जाँच एजेंसी’ ने शुरू भी कर दी है। इतना ही नहीं, मणिपुर हिंसा को लेकर 6 FIR दर्ज करने के बाद CBI ने आरोपितों की धर-पकड़ भी शुरू कर दी है और 10 गिरफ्तारियाँ हुई हैं। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों में ये गिरफ्तारियाँ हुई हैं। वीडियो काण्ड मामले में अब CBI मामला दर्ज करेगी।
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होनी है, लेकिन मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अनुपस्थिति के कारण मामला नहीं सुना जा सका। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि सरकार कार्रवाई करे, वरना हम कुछ एक्शन लेने के लिए मजबूर होंगे। केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में फास्टट्रैक कोर्ट के माध्यम से 6 महीने में आरोपितों को सज़ा दिलाए जाने की बात कही है। इस वारदात के 7 अपराधी अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं, ये भी केंद्र ने बताया था।
केंद्र सरकार ने कहा है कि ये न सिर्फ एक घृणित वारदात है, बल्कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए नजीर पेश की जानी चाहिए। इसीलिए, इस मामले की जाँच CBI को दिए जाने का निर्णय लिया गया है। जिस मोबाइल फोन से इस वीडियो को शूट किया गया था, उसे जब्त कर लिया गया है। साथ ही जिस व्यक्ति ने महिलाओं का नग्न परेड कराए जाने वाला वीडियो शूट किया था, उसकी पहचान के बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
A message from His Eminence, Oswald Cardinal Gracias, on the ongoing Ethnic Conflict in Manipur.
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 28, 2023
“…Manipur was given a religious twist but it is not a religious conflict; this is a tribal conflict; two tribes, historically very hostile to each other… It exploded to violence… pic.twitter.com/BPsDqm4kSf
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि केंद्र सरकार इस मामले में कुकी और मैतेई, दोनों समुदायों के संपर्क में है और शांति बहाली के लिए हर प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष संसद भी नहीं चलने दे रहा है, जिसके बाद अमित शाह ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, दोनों को पत्र लिख कर मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा के लिए सहयोग माँगा था।