दिल्ली के निजामुद्दिन स्थित मरकज में इकट्ठा इस्लामिक भीड़ का खुलासा होने के बाद आज सुबह 3:30 बजे इसे खाली करा लिया गया। पुलिस ने मौलाना साद, डॉ जीशान, मुफ्ती शहजाद, मोहम्मद सैफी युनूस और मो सलमान के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने बताया कि संख्या ज्यादा होने के कारण जगह को खाली कराने में 5 दिन लगे। वहीं ये भी मालूम हुआ कि 28 मार्च को पुलिस द्वारा नोटिस मिलने के बाद से इस कार्यक्रम को आयोजित करने वालों में से एक मोहम्मद साद फरार है। पुलिस इनकी तलाश में जुटी है।
Whereabouts of Maulana Saad are not known since 28th March when he was served a notice by police. Search for him is currently underway: Delhi Police Sources https://t.co/cWATl6Xe5R
— ANI (@ANI) April 1, 2020
गौरतलब है कि मरकज़ का मामला उजागर होने के बाद वहाँ पर मौजूद लोग खुद को लॉकडाउन के कारण फँसा होने की बात कह रहे हैं। लेकिन इसी बीच तबलीगी जमात के मुखिया मोहम्मद साद की एक ऑडियो वायरल हुई है। जो इस पूरे कार्यक्रम की मंंशा और कार्यक्रम के खत्म होने के बाद भी भीड़ के वहीं रुके रहने पर संदेह खड़े कर रही है। दरअसल, मोहम्मद साद के फरार होने के बाद सामने आई ऑडियो में वे कोरोना का जिक्र कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मरने के लिए मस्जिद से अच्छी जगह नहीं हो सकती।
वैसे तो वायरल ऑडियो में मरकज के चीफ मौलाना साद कई बातें कहते सुनाई दे रहे है जो उन्हें कोरोना के कारण बने माहौल में नहीं कहनी चाहिए। मगर, इसमें ध्यान देने वाली बात है कि इस दौरान वहाँ कुछ लोग पीछे से खाँस भी रहे हैं। जिसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
मौलाना साद ऑडियो में कहते सुनाई देते हैं कि ये ख्याल बेकार है कि मस्जिद में जमा होने से बीमारी पैदा होगी, मैं कहता हूँ कि अगर तुम्हें यह दिखे भी कि मस्जिद में आने से आदमी मर जाएगा तो इससे बेहतर मरने की जगह कोई और नहीं हो सकती।
वायरल ऑडियो में साद आगे कहते हैं कि अल्लाह पर भरोसा करो, कुरान नहीं पढ़ते अखबार पढ़ते हैं और डर जाते हैं, भागने लगते हैं। साद आगे कहते हैं कि अल्लाह कोई मुसीबत इसलिए ही लाता है कि देख सके कि इसमें मेरा बंदा क्या करता है। साद आगे कहते हैं कि कोई कहे कि मस्जिदों को बंद कर देना चाहिए, ताले लगा देना चाहिए क्योंकि इससे बीमारी बढ़ेगी तो आप इस खयाल को दिल से निकाल दो।
यहाँ बता दें कि मौलाना साद का पूरा नाम मौलाना मुहम्मद साद कंधलावी है। वह भारतीय उपमहाद्वीप में सुन्नी समुदाय के सबसे बड़े संगठन तबलीगी जमात के संस्थापक मुहम्मद इलियास कंधलावी के पड़पोते हैं। जो जमात का मुखिया बनने से लेकर पैगंबर मुहम्मद के बयान के ख़िलाफ़ दिए बयान के कारण विवादों में रह चुके हैं।
2017 की फरवरी महीने में दारुल उलूम देवबंद ने तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को फतवा जारी कर कहा कि साद कुरान और सुन्ना की गलत व्याख्या करते हैं। देवबंद का यह फतवा मौलाना साद के भोपाल सम्मेलन में दिए गए बयान के बाद आया था जिसमें उन्होंने कहा कि (निजामुद्दीन) मरकज मक्का और मदीना के बाद दुनिया का सबसे पवित्र स्थल है। जिसे दारुल उलूम के मौलाना ने पैगंबर मुहम्मद के ख़िलाफ़ बताया था।
भूल-सुधार: त्रुटिवश इस रिपोर्ट में कुछ समय के लिए मौलाना साद की जगह, मीडिया में चलती भ्रमित करने वाले तस्वीरों के कारण, किसी और व्यक्ति की तस्वीर लगा दी गयी थी। उसे अब सुधार लिया गया है। हमें इसका खेद है और इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति की छवि को क्षति पहुँचाना नहीं था।