Monday, December 23, 2024
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मेरठ के गो तस्कर भाई (अकबर+सलमान) असम में ढेर: बांग्लादेश तक फैला रखा था गोमांस का कारोबार, ISI से भी कनेक्शन

असम पुलिस के अनुसार गो तस्करी से मिलने वाले पैसे का प्रयोग देश विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा था।

मेरठ के अंतरराष्ट्रीय गो तस्कर भाई अकबर बंजारा और सलमान असम में हुई मुठभेड़ में मार गिराए गए हैं। दोनों को 13 अप्रैल को मेरठ पुलिस ने पकड़ा था। इसके बाद असम पुलिस इन्हें अपने साथ ले गई थी। अब खबर है कि इन दोनों गो-तस्करों की सोमवार देर रात गोली लगने से मौत हो गई है।

बताया जा रहा है कि सोमवार (18 अप्रैल 2022) रात दोनों ने पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश। इसी दौरान मुठभेड़ में इन्हें गोली लगी। कुछ रिपोर्टस बता रही है कि बंजारा गैंग ने इन्हें छुड़ाने के लिए पुलिस वाहन पर हमला किया था। जवाबी में कार्रवाई में दोनों भाई को गोली लगी।

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक अकबर बंजारा पर असम पुलिस ने 2 लाख रुपए का इनाम रखा हुआ था। असम पुलिस ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि हमला देर रात 1.30 बजे हुआ। दोनों आरोपितों को पुलिस जोमदुआर क्षेत्र में संकोश नदी के पास लेकर जा रही थी ताकि स्मगलिंग करने वाले रास्तों की पहचान हो सके। लेकिन तभी पुलिस वाहन पर गोलीबारी हुई। पुलिसकर्मी फौरन जवाबी कार्रवाई के लिए अपनी गाड़ी से निकले। असम पुलिस ने आरोपितों को पकड़ने के लिए 10-12 मिनट तक गोलीबारी की। इसी दौरान दोनों गो-तस्कर गोलीबारी का शिकार हो गए।

पुलिस जब तक उन्हें लेकर अस्पताल पहुँची तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने मौके से एक-47, 2 मैग्जीन और 28 कारतूस बरामद हुए हैं। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनसार, असम पुलिस जब इन दो गो तस्कर भाइयों को रिमांड पर लेकर कोर्ट जा रही थी, तभी इन्होंने भागने की कोशिश की और पुलिस कार्रवाई में इनकी गोली लगने से मौत हो गई।

मेरठ पुलिस और असम पुलिस का बयान

मेरठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पिछले मंगलवार को मेरठ में गो-हत्या के आरोप में तीन आरोपित पकड़े गए थे। इनके नाम अकबर, सलमान और शमीम थे। तीनों फलवाड़ा गाँव के रहने वाले थे। एसपी केशव कुमार बताते हैं कि बंजारा और उसके भाई सलमान को असम पुलिस अपने साथ 13 अप्रैल को लेकर गई थी।

असम पुलिस की टीम ने बताया कि ये दोनों असम के कोकराझर में पशु तस्करी के कई आरोपों में वांटेड थे। इनका धंधा कई राज्यों में गोमांस सप्लाई का था। इसके अलावा असम पुलिस अधिकारियों ने यह खुलासा भी किया है कि पशु तस्करी के सिंडिकेट का कनेक्शन बांग्लादेश स्थित कट्टरपंथी-आतंकवादी संगठन से है। गो-तस्करी से मिलने वाले पैसे का प्रयोग हवाला के जरिए देश विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा था। रिपोर्ट के अनुसार गोमांस का इनका अवैध कारोबार बांग्लादेश तक फैला था। साथ ही पाकिस्तान की कुख्यात एजेंसी आईएसआई से भी इनके लिंक सामने आए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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