हरियाणा के मेवात में बहुल आबादी के दबंगों का आतंक किसी से छिपा नहीं है। कथित तौर पर ‘मिनी पाकिस्तान’ के नाम से कुख्यात यह जिला आए दिन यहाँ के अल्पसंख्यकों पर होते अत्याचारों के कारण खबरों में नजर आता है। हत्या, मारपीट, अपहरण जैसी घटनाएँ अब यहाँ आम हो चुकी हैं, लेकिन बावजूद इन सबके दु:खद यह है कि हम लोग इन आपराधिक घटनाओं पर हाय-तौबा मचाना शुरू तब करते हैं, जब कोई अनहोनी घटना घट जाती है। उससे पहले हमें बस यही लगता है कि जो दूसरे के साथ हुआ, वो हमारे साथ क्यों होगा?
पिछले दिनों मेवात के नगीना थानांतर्गत एक गाँव में स्थित मंदिर में तोड़फोड़ की खबर सामने आई थी। अब इसी थाना क्षेत्र से खबर है कि एक हिंदू युवक को मंदिर जाने पर और धर्म संबंधी काम-काज करने पर जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। उन्हें बीच सड़क पर बाइक से घेर कर कहा जाता है कि उनका और उनके जैसों का समय पूरा हो गया है, बस लिस्ट तैयार है और किसी भी दिन उनका काम तमाम हो सकता है।
सोचिए! क्या गुजरती होगी इस हिंदू युवक पर और इसके पूरे परिवार पर, जब उम्र में छोटे गाँव के बहुसंख्यक नौजवान उन्हें ऐसी धमकी देते होंगे। घर से निकलना, काम पर जाना, वापस लौटना… हर समय सिर्फ़ यही डर सताता होगा कि कहीं कोई पीछे से आकर वाकई जान न ले ले।
युवक ने खुद की सुरक्षा के लिए और इन धमकियों से घबराकर नगीना थाने में दरख्वास्त देने से लेकर मुख्यमंत्री खट्टर तक को पत्र लिख दिया है। मगर, अब भी इस मामले में कोई सुनवाई नहीं है। युवक बस इस आस में है कि कहीं से कोई उम्मीद दिखे और उन्हें आश्वासन मिल जाए कि उनके साथ कुछ नहीं होगा।
इस युवक का नाम मुरालीलाल सैनी है। मुरारीलाल नगीना बाजार में सब्जी बेचते हैं। इनका घर नगीना बाजार से थोड़ी दूर पर स्थित है। कुछ दिन पहले 2 नवंबर को ये अपने साथी हेमराज के साथ मंदिर की ओर जा रहे थे, तभी दो बाइक पर सवार 4 लड़कों ने इन्हें घेर लिया और इनसे गाली-गलौच करके धमकी देने लगे। इससे पहले भी मुरारी को ऐसी धमकियाँ मिलती थीं, उन्हें कट्टा दिखाकर डराया जाता था मगर, तब वह गाँव और सरपंच में उलझे रहे।
उन्हें लगा गाँव का सरपंच कोई हल निकाल देगा जबकि सरपंच ने पूरे मामले को हल्के में लेकर यह कह दिया कि वो यकीन दिलाते हैं कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। 2 नवंबर को रात 8:15 बजे जब मंदिर जाते समय उन्हें धमकाया गया, तब उन्होंने हार मानकर नगीना थाने में अपनी दरख्वास्त दी। इस दरख्वास्त में उन्होंने फैसल और परवीन नाम के दो युवकों समेत कुछ स्थानीयों के ख़िलाफ़ अपनी सारी शिकायत दी।
दरख्वास्त में बताया गया कि 2 नवंबर को वह जब हेमराज की दुकान पर खड़े थे, तभी फैसल और परवीन समेत कुछ लड़के उनसे पास आए और उनसे गाली-गलौच करने लगे। उन्हें कहा गया, “जिस दिन तू अकेला मिल गया, उस दिन तुझे जान से मार देंगे। हमने नगीना गाँव के कुछ आदमियों की लिस्ट बनाई हुई है, जिन्हें जरूर मारेंगे। उनमें से एक तू है और नितिन, चमन, महेंद्र व कई अन्य लड़के हैं।”
इस दरख्वास्त में मुरारीलाल ने अपना भय प्रकट करते हुए स्पष्ट लिखा है कि उन्हें उनकी जान का खतरा बना हुआ है। दबंग उनके साथ किसी भी अनहोनी घटना को अंजाम दे सकते हैं। इस दरख्वास्त में लिखा है, “हमें ये मंदिर जाते समय मोटरसाइकिल पर आकर घेर लेते हैं और गाली-गलौच करते हैं। इनके कारण कई लोगों ने मंदिर जाना बंद कर दिया है।”
मुरारी लिखते हैं कि यदि भविष्य में उनके साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसके लिए जिम्मेदार ये ही होंगे। यहाँ बता दें कि मुरारीलाल का दावा है कि उन्होंने अपनी दरख्वास्त हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, प्रदेश गृहमंत्री अनिल विज और पुलिस अधीक्षक को भी भेजी है। इसकी प्रति उन्होंने ऑपइंडिया से भी साझा की।
‘वे हमें आते-जाते सलाम करने को कहते हैं’
ऑपइंडिया ने जब मुरारीलाल से पुलिस कार्रवाई पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें थाने से कोई जवाब नहीं मिला है। बाइक सवार अब भी धमकी देते हुए कहते हैं, “तुम आरएसएस से हो… तुमको गोली मार देंगे।”
मुरारी हताश होते हुए कहते हैं कि उनकी उम्र 31 साल की है और उन्हें 20-22 साल के लड़कों से ऐसी धमकियाँ मिल रही हैं। पहले उनके साथ ऐसा कुछ नहीं था। वो बाजार में करीब 20 साल से दुकान लगाते थे। लेकिन 7-8 महीनों से इन लड़कों ने परेशान शुरू कर दिया। मंदिर जाते हुए बाइक से घेरने लगे। मुरारी से कहा जाने लगा, “मेवात में अगर रहना है तो हमारे हिसाब से रहना होगा। इसलिए जब भी सामने से आओ तो हमें सलाम करो।”
पीड़ित युवक को पहले लगता था कि ये सब गाँव की बातें हैं, गाँव में ही सुलझ जाएँगी लेकिन जब दबंग नहीं माने तब उन्होंने गाँव के लोगों को इकट्ठा करके सरपंच के सामने अपनी बात रखी, और तब उन्हें तसल्ली दे दी गई कि आज के बाद ऐसी शिकायत नहीं आएगी। इस घटना के एक माह बाद ही दोबारा ये सब शुरू हो गया। धमकी देने का सिलसिला भी लगातार चलता रहा। गाँव छोड़ने की धमकी मिलती रही।
2 नवंबर को हेमराज की दुकान पर खड़ा देखकर ये युवक दोबारा बाइक से आए और कहा- “अभी तक नहीं भागा तू यहाँ से? अब तेरा टाइम आ गया है।” मुरारी लाल के अनुसार उनके इलाके में जो भी हिंदुओं के बच्चे धर्म संबंधी कार्यों के लिए आगे बढ़ते हैं, उन्हें दबाने की कोशिश की जाती है और जब वह नहीं दबते तो उनसे मारपीट होती है। बहुसंख्यक आबादी का दबदबा बताते हुए मुरारी कहते हैं कि यहाँ उन लोगों का ऐसा असर है कि उनका कोई भी व्यक्ति आकर भरे बाजार में धमकी दे जाता है। दुकान जलाने तक की धमकियाँ मिलती हैं।
पुलिस का पक्ष
बता दें कि ऑपइंडिया ने इस संबंध में नगीना थाने के एसएचओ को संपर्क किया था मगर उन्हें इस विषय में तब तक कोई सूचना नहीं थी। इसके बाद हमने उनसे दोबारा बातचीत करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने हमारा फोन नहीं उठाया।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले नगीना थाने के ही उलेटा गाँव में राहुल नाम के एक युवक पर समुदाय विशेष ने फरसे से जानलेवा हमला करके परिवार को धमकियाँ दी थीं। परिवार ने इस बाबत अपनी शिकायत भी करवाई थी मगर आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर आज तक टाल मटोल हो रही है। पुलिस का कहना है कि सारी औपचारिकता पूरी होते ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।