Monday, December 23, 2024
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मेवात: बंगाल के राजू को बजरंग दल ने हसनखान के चंगुल से छुड़ाया, बंधक बनाकर 5 साल से हो रहा था अत्याचार

नौकरी के नाम पर हसनखान के परिवार के लोगों ने उसे बंधक बना लिया और उससे बुरा व्यवहार किया जाने लगा। घर के लोग उसे चार दिवारी में रख कर उससे सारा काम करवाते और उससे मारपीट भी करते। राजू के पास उसका आधार कार्ड एक पहचान के तौर पर था, लेकिन हसनखान के परिवार के लोगों ने उसे भी फाड़ दिया और प्रताड़ित करते रहे। ये सारा सिलसिला 2015 से लेकर अबतक चला।

हरियाणा के मेवात में संप्रदाय विशेष के एक परिवार ने एक नाबालिग लड़के को पिछले कई साल से बंधक बनाकर रखा था। उसके साथ परिवार के लोग मारपीट करते थे और उससे मजदूरी करवाते थे। बच्चे को न तो सही से इस दौरान ढंग के कपड़े पहनने को दिए जाते थे और न ही उसे खाना दिया जाता था। नौकरी के लालच में बंदी बनाए गए इस बच्चे पर धर्मपरिवर्तन का भी दबाव बनाया जाता था।

मानेसर के बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों के बाद अब इस बच्चे को बचा लिया गया है। उक्त सभी बातें भी उस बच्चे ने स्वयं बताई हैं। आज वह नाबालिग 18-19 वर्ष का हो चुका है और अपना नाम राजू बताता है।

राजू कहना है कि वह साल 2015 में मधुमक्खी पालन करने वाले अपने कुछ साथियों के साथ मेवात घूमने आया था। एक व्यक्ति इस दौरान इन्हें ये बोलकर लाया था कि काम दिलवाएगा। लेकिन यहाँ पर तावडू थाने के अंतर्गत आने वाले गोयला गाँव का निवासी हसनखान उसे नौकरी का लालच देकर अपने साथ ले गया।

नौकरी के नाम पर हसनखान के परिवार के लोगों ने उसे बंधक बना लिया और उससे बुरा व्यवहार किया जाने लगा। घर के लोग उसे चार दिवारी में रख कर उससे सारा काम करवाते और उससे मारपीट भी करते।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजू के पास उसका आधार कार्ड एक पहचान के तौर पर था, लेकिन हसनखान के परिवार के लोगों ने उसे भी फाड़ दिया और प्रताड़ित करते रहे। ये सारा सिलसिला 2015 से लेकर अबतक चला।

साभार: मोनू मानेसर का फेसबुक

इसके बाद एक दिन राजू किसी के चक्की से आटा पीसवाने गया। वहाँ उसने अपने बारे में बताया। इसके बाद जब राजू के बारे में बजरंग दल के संयोजक मोनू मानेसर को सूचना मिली। तो उन्होंने राजू को बचाया और अपने साथ ले आए।

मोनू बताते हैं कि उन्हें किसी से राजू के बारे में जानकारी मिली थी। इसी सूचना के आधार पर वह गोयला गाँव पहुँचे और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के सहयोग से उस बच्चे को बड़ी मुश्किल से वहाँ से निकाला। लेकिन आरोपितों को जैसे ही ये सूचना मिली, उन्होंने उसका पीछा किया और हमले का भी प्रयास हुआ।

https://www.facebook.com/story.php?story_fbid=167255421585548&id=114009890243435

पर, अतत: बजरंग दल के कार्यकर्ता राजू को बचाने में सफल हुए। मानेसर लौटते ही राजू को खाना खिलाया गया और परिवार के बारे में पूछताछ करके उसे उसके परिवार से वीडियो कॉल करवाई गई।

मोनू कहते हैं कि राजू को देखते ही उसके परिवार वालों की आँखों में आँसू आ गए। उन्हें यही यकीन नहीं हो पाया कि उनका बेटा जीवित है।

पिछले 5 साल से लापता बेटे को लेकर परिवार मान चुका था कि किसी हादसे में उसकी मौत हो गई। इसलिए वह उसे भूल गए थे।

5 साल बाद जब यह खबर पता चली तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। इसके लिए परिवार ने सदस्यों का आभार व्यक्त किया और कहा कि वह जल्द ही राजू को लेने आएँगे।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से मेवात में हिंदुओं पर अत्याचार की कहानियाँ काफी चर्चा में हैं। वहाँ जबरन धर्म परिवर्तन, गो तस्करी और लूटपाट के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में राजू का मामला उजागर होने के बाद ये सवाल उठता है कि क्या यहाँ और भी ऐसे बच्चे हैं जिन्हें नौकरी का झाँसा देकर यहाँ बुलाया गया और फिर उन्हें बंधक बनाकर उन अत्याचार होने लगे?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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