Tuesday, September 17, 2024
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घास काटने गई बच्ची से नदीम ने साथियों संग किया गैंगरेप, पंचायत ने सुनाया ₹2000 में मामले को रफ़ा-दफ़ा करने का फरमान, अब तक मिल रही है धमकी

रेप के दौरान पीड़िता ने चीखने का प्रयास किया तो उसके मुँह को गमछा रख कर बंद कर दिया गया। नाबालिग को कोल्डड्रिंक में नशा भी दिया गया।

बिहार के दरभंगा में 13 साल की एक बच्ची से गैंगरेप का मामला सामने आया है। इस मामले में मोहम्मद नदीम सहित कुल 4 आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। आरोपितों ने पीड़िता को चाकू दिखा कर सामूहिक बलात्कार किया था। आरोपित फरार हैं जिसकी तलाश में दबिश दी जा रही है। लगभग 10 दिन पुरानी इस घटना को कुछ लोगों द्वारा समझौते के नाम पर दबाने का प्रयास किया गया था। स्थानीय थाने की पुलिस पर भी कार्रवाई में ढिलाई बरतने का आरोप लगा है। घटना शनिवार (3 अगस्त, 2024) की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना दरभंगा के थाना क्षेत्र बड़ागाँव की है। यहाँ के एक गाँव में 3 अगस्त, 2024 को 13 साल की एक नाबालिग लड़की पशुओं के लिए घास काटने सहेली के साथ खेतों में गई थी। वापसी में उसका गट्ठर खुल गया तो उसने सहेली से अपनी माँ को भेजने की बात कहते हुए भेज दिया। लड़की को अकेला देख कर मोहम्मद नदीम अपने 3 साथियों के साथ वहाँ पहुँचा। उसने पीड़िता को चाकू दिखाया और घसीट कर दूर बगीचे में ले गया। यहाँ चारों ने बारी-बारी पीड़िता से गैंगरेप किया।

रेप के दौरान पीड़िता ने चीखने का प्रयास किया तो उसके मुँह को गमछा रख कर बंद कर दिया गया। नाबालिग को कोल्डड्रिंक में नशा भी दिया गया। रेप के बाद आरोपितों ने लड़की को बेहोशी की हालत में सड़क के किनारे छोड़ दिया। कुछ स्थानीय लोगों ने पीड़िता को जैसे-तैसे उसके घर पहुँचाया। बताया जा रहा है कि लड़की के परिजनों ने 4 अगस्त को इस मामले की सूचना गाँव के पंचायत को दी। पंचायत ने फैसला खुद करने की बात करते हुए नाबालिग के घर वालों को 2000 रुपए ले कर मामले को रफा-दफा करने के लिए कहा।

पंचायत में आरोपितों का पक्ष लिया गया। पंचायत के इस फैसले के बाद 3 दिन तक पीड़िता के परिवार वाले चुप रहे। हालाँकि, उन्हें यह फैसला मंजूर नहीं था जिसके चलते उन्होंने 7 अगस्त (बुधवार) को थाना बड़ागाँव में नदीम व 3 अन्य अज्ञात सहित 4 शिकायत दर्ज करवाई। 8 अगस्त को पुलिस और FSL की टीम गाँव में पहुँची और जाँच पड़ताल शुरू की। आरोप है कि थाना स्तर पर पुलिस ने भी कार्रवाई में ढिलाई बरती और 4 दिनों तक पीड़िता का मेडिकल टेस्ट नहीं करवाया। परिजनों के मुताबिक 2 दिनों तक बेहोश रही पीड़िता के गले पर खरोंच के निशान थे और गुप्तांग में सूजन आ गई थी।

पुलिस पर लगे आरोपों पर दरभंगा की एसपी ग्रामीण काव्या मिश्रा ने सफाई दी है। उन्होंने बताया कि 9 अगस्त को पीड़िता और उसकी माँ को थाने बुलाया गया लेकिन अगले 2 दिन शनिवार और रविवार पड़ जाने की वजह से उन्हें वहीं रख लिया गया। सोमवार (12 अगस्त, 2024) को कोर्ट के समक्ष पीड़िता के 164 के बयान दर्ज हुए। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी करवाया गया है जिसमें अल्ट्रासॉउन्ड भी शामिल है। हालाँकि दरभंगा के एसएसपी IPS जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने थाना स्तर पर लापरवाही होने की बात स्वीकारी है। उन्होंने कहा कि वो इसकी जाँच करवा के दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई करेंगे।

पुलिस का कहना है कि मामले की जाँच और अन्य जरूरी कार्रवाई की जा रही है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। नामजद आरोपित और पीड़िता एक ही समुदाय के हैं। पीड़िता के गाँव के मुखिया ने अपनी सफाई में कहा है कि पंचायत स्तर पर 2 दिन तक आरोपितों की पहचान के प्रयास किए जा रहे थे। उन्होंने आगे बताया कि 2 दिनों में पीड़िता को कई तस्वीरें दिखा का एक आरोपित की पहचान की गई थी। हालाँकि, पीड़िता के घर वालों का आरोप है कि रसूखदार आरोपितों से उन्हें केस वापस लेने की धमकियाँ मिल रहीं हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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