भारत में खूँखार वैश्विक आतंकी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’ (ISIS) का ब्रांच खोलने की कोशिश में लगे 15 आतंकियों को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने सजा सुनाई है। इनलोगों की साजिश थी कि युवाओं को भड़का कर उन्हें ISIS में शामिल किया जाए। इन सभी को 10 से 5 साल तक की सजा सुनाई गई। ये मामला 2015 का है, जिसकी जाँच NIA ने की है। एजेंसी के मुताबिक, सभी आरोपित भारत में ISIS का एक सहयोगी संगठन तैयार कर रहे थे।
इस मामले में दोषी पाए गए नफीस खान को 10 साल कारावास की सजा दी गई है, जबकि अबु अनस, मुफ्ती अब्दुल सामी और मुदाबीर मुस्ताख शेख को 7 साल कारावास की सजा दी गई है। वहीं दोषी अमजद खान को 6 साल जेल की सजा भुगतनी पड़ेगी। इन सबके अलावा अब्दुल्ला खान, नजमुल हुदा, मोहम्मद अफलज, सुहेल अहमद, मोहम्मद अलीम, मोइनुदीन खान, आसिफ अली और सैयद मुजाहिद को 5 साल कारावास की सजा दी गई है।
इस संगठन का नाम जुनेद-उल-खलीफा रखा गया था और ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम युवाओं को गुमराह कर इसमें शामिल करने की साजिश रची गई थी। ये सभी लोग ISIS के सरगना और आतंकी संगठन के ‘मीडिया प्रमुख’ यूसुफ अल हिंदी उर्फ अरमान उर्फ अनजान भाई के इशारे पर यह काम कर रहे थे। इस मामले में कुल 19 आरोपितों को NIA ने गिरफ्तार किया था। अगर इन्हें नहीं गिरफ्तार किया जाता तो भारत में कई आतंकी हमले हो सकते थे।
Parveen Singh, Special Judge for NIA at Patiala House Courts Complex, New Delhi, pronounced sentence on 15 accused persons convicted in ISIS Conspiracy Delhi Case (RC-14/2015/NIA/DLI). #ISIS #NIA pic.twitter.com/PqNVEsd7cc
— Jitender Bhardwaj (@journo_jitendra) October 17, 2020
इस संगठन में लोगों को मजहब के नाम पर कट्टर बना कर जोड़ा जा रहा था और मजहब के नाम पर आतंक मचाने की साजिश रची जा रही थी। इनमें से कई तो ISIS में शामिल होने के लिए मिडिल-ईस्ट पहुँच भी चुके थे लेकिन उनमें से भी कई को धर-दबोचा गया था और उन्हें भारत वापस लाया गया। इस मामले में कुल 16 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र पटियाला हाउस कोर्ट में विशेष NIA जज के सामने पेश किया गया था।
अरबी भाषा में आरोपितों द्वारा अप्रैल 2013 में गठित किए गए संगठन का नाम है ‘अल दौलतुल इस्लामिया फिल इराक वल शाम’। इब्राहिम अव्वद अल-बद्री उर्फ अबु बक्र अल-बगदादी को इसका मुखिया बनाया गया था। शुरू में तो ये अलकायदा के समर्थन से चलता था लेकिन बाद में अलकायदा इससे अलग हो गया। ISIS का कुल बजट 200 करोड़ डॉलर का बताया जाता है। भारत में भी ये पाँव पसारने की कोशिश में लगा रहता है।
हाल ही में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने चेन्नई के अहमद अब्दुल कादिर (40) और बेंगलुरु के इरफ़ान नासिर (33) को भी गिरफ्तार किया था। दोनों ही इस्लामिक स्टेट (आईएस) मॉड्यूल के संदिग्ध हैं और इन पर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल कराने के लिए फंडिंग उपलब्ध कराने का आरोप है। अब्दुल कादिर तमिलनाडु के चेन्नई स्थित एक बैंक में बतौर बिज़नेस एनालिस्ट (विश्लेषक) काम करता था। वहीं नासिर बेंगलुरु में बतौर चावल व्यापारी काम करता था।